Elections 2023 : चुनावों से पहले कर्नाटक को मिलेगा बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे की सौगात, 16 हजार करोड़ की परियोजनाओं की आधारशीला रखेंगे PM Modi

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परियोजना का मकसद बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करना है। मांड्या में प्रधानमंत्री की उपस्थिति राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम है, क्योंकि राज्य में मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। मांड्या जिला, पुराने मैसूरु क्षेत्र का एक प्रमुख हिस्सा है और यह पारंपरिक रूप से जनता दल सेकुलर (एस) का गढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को कर्नाटक के दौरे पर रहने वाले है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक को ढ़ेरों सौगातें देने वाले है। इस दौरान वो कर्नाटक में 10 लेन के बेंगलुरु-मैसुरु राजमार्ग का उद्घाटन करेंगे। राज्य में दो महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं और यह इस साल राज्य की उनकी छठी यात्रा है। प्रधानमंत्री मांड्या और हुबली-धारवाड़ में 16,000 करोड़ रुपये की लागत वाली प्रमुख परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। 

इस दौरे के दौरान वो दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म समर्पित करेंगे, जो की श्री सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन पर है। जानकारी के मुताबिक इस प्लेटफॉर्म की लंबाई 1507 मीटर है। इसे बनाने में 20 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस प्लेटफॉर्म की खासियत है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है। इस प्लेटफॉर्म को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिल चुकी है। बता दें कि हुबली रेसवे स्टेशन हुबली से बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई और गोवा को कनेक्ट करता है। ये कर्नाटक केसर्वाधिक व्यस्त रेलवे स्टेशनों में शामिल है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, मोदी दोपहर में मांड्या में प्रमुख सड़क परियोजनाओं का उद्धाटन और शिलान्यास करेंगे। बयान के मुताबिक, इसके बाद दोपहर करीब सवा तीन बजे वह हुबली-धारवाड़ में विभिन्न विकास पहलों का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। बयान में कहा गया है कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास की तीव्र गति देश भर में विश्व स्तरीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का प्रमाण है। उसमें कहा गया है कि इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी बेंगलुरु-मैसूरू एक्सप्रेसवे को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 

इस परियोजना में राष्ट्रीय राजमार्ग-275 के बेंगलुरु-निदाघट्टा-मैसूरु खंड को छह लेन का बनाना शामिल है। 118 किलोमीटर लंबी इस परियोजना को लगभग 8,480 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित किया गया है। बयान में कहा गया है कि इससे बेंगलुरु और मैसूरु के बीच यात्रा का समय लगभग तीन घंटे से घटकर करीब 75 मिनट हो जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के एक ट्वीट को भी टैग किया जिसमें कहा गया है कि बेंगलुरु-मैसूरू एक्सप्रेसवे के निर्माण से चार रेल ओवरब्रिज, नौ महत्वपूर्ण पुल, 40 छोटे पुल और 89 अंडरपास और ओवरपास का विकास होगा। प्रधानमंत्री मोदी मैसूरु-कुशलनगर के बीच चार लेन के राजमार्ग की आधारशिला भी रखेंगे। 92 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना को तकरीबन 4,130 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। 

बयान में कहा गया है कि यह परियोजना बेंगलुरु के साथ कुशलनगर की कनेक्टिविटी को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और उनके बीच यात्रा के समय को करीब पांच घंटे से घटाकर सिर्फ ढाई घंटे करने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री हुबली-धारवाड़ में आईआईटी धारवाड़ को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसकी आधारशिला उन्होंने फरवरी 2019 में रखी थी। इसे 850 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। संस्थान वर्तमान में चार वर्षीय बी.टेक कार्यक्रम, पांच वर्षीय बीएस-एमएस कार्यक्रम, एम.टेक और पीएच.डी. कार्यक्रमों की पेशकश करता है। प्रधानमंत्री श्री सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन पर दुनिया के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस रिकॉर्ड को हाल में ’गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ ने भी मान्यता दी है।करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से 1,507 मीटर लंबा प्लेटफॉर्म बनाया गया है। प्रधानमंत्री रेलवे नेटवर्क के होसपेटे-हुबली-तिनाईघाट खंड के विद्युतीकरण और होसपेटे स्टेशन के उन्नयन को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 

बयान में कहा गया है कि वह हुबली-धारवाड़ स्मार्ट सिटी की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत करीब 520 करोड़ रुपये है। मोदी जयदेव अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र की भी आधारशिला रखेंगे। क्षेत्र में जल आपूर्ति को और बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री धारवाड़ बहु ग्राम जलापूर्ति योजना की आधारशिला रखेंगे, जिसे 1,040 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाएगा। वह तकरीबन 150 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाली तुप्पारीहल्ला बाढ़ क्षति नियंत्रण परियोजना की आधारशिला भी रखेंगे। 

बयान में कहा गया है कि परियोजना का मकसद बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करना है। मांड्या में प्रधानमंत्री की उपस्थिति राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम है, क्योंकि राज्य में मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। मांड्या जिला, पुराने मैसूरु क्षेत्र का एक प्रमुख हिस्सा है और यह पारंपरिक रूप से जनता दल सेकुलर (एस) का गढ़ रहा है। जिले में सात विधानसभा क्षेत्र हैं और एक को छोड़कर सभी पर जद (एस) का कब्जा है। भाजपा 2019 में हुए उपचुनावों के दौरान एक सीट (केआर पेट) जीतकर मांड्या जिले में पैठ बना सकी थी।

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