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बारामती: छापा पड़ने की जानकारी पहले कैसे बाहर आती हैं। इसकी जांच गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) कराएं। यह मांग सांसद सुप्रिया सुले (MP Supriya Sule) ने शनिवार को की है। सांसद सुले ने कहा कि सत्ता का दुरुपयोग कर विरोधियों में डर पैदा करने की चल रही राजनीति महाराष्ट्र (Maharashtra ) की संस्कृति नहीं है। इन शब्दों में उन्होंने फिलहाल चल रही जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त की हैं।
बारामती में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इस जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई का अगर आप डाटा चेक करें तो पाएंगे की केस दर्ज होने के बाद क्या होता हैं यह एक बार देख लेना चाहिए। संजय राउत का ऑर्डर देखना चाहिए, अनिल देशमुख पर सौ करोड़ का आरोप लगाया गया, आखिर में यह आंकड़ा एक करोड़ पर आ गया है। आरोप लगाना और भाग जाना यह भारतीय संस्कृति नहीं हैं।
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ईडी की कार्रवाई पर अब आश्चर्य नहीं होता
विरोधी दलों के नेताओं पर ईडी की कार्रवाई पर अब आश्चर्य नहीं होता है। ईडी और सीबीआई ने अनिल देशमुख और परिवार से 109 बार पूछताछ की। इसे सही अर्थों में एक रिकॉर्ड माना जा सकता है। देश के 95 फीसदी विरोधी दलों के नेताओं पर कार्रवाई हुई है और जो लोग बीजेपी में चले गए उनके खिलाफ कार्रवाई रोक दी गई।
राजनीतिक बदला लेने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग
राजनीतिक बदला लेने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करना दुर्भाग्यपूर्ण है। फिलहाल चल रही दमनकारी नीति दुर्भाग्यपूर्ण और संविधान के खिलाफ है। जिस तरह से नबाव मलिक, संजय राउत, अनिल देशमुख, एकनाथ खडसे के परिवार पर छापे मारे गए, हसन मुश्रीफ पर भी अब छापे मारे जा रहे हैं, लेकिन छापे पड़ने से पहले ही कुछ लोगों को इसकी जानकारी कैसे होती है। अमित शाह इस मामले की जांच कराए। इस तरह की बातों का बाहर आना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर मुद्दा है। इसके लिए एक समिति गठित कर मामले की विस्तार से जांच कराई जाए।
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