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सातपुर : विभिन्न आस्थापना (Various Installation) में होने वाली दुर्घटना, उत्पादन प्रक्रिया से निर्मित होने वाले प्रदूषण (Pollution) से नागरिकों के आरोग्य पर मंडराने वाला खतरा (Hazard) और पर्यावरण (Environment) की हानि हो रही है। इसलिए हवा (Air) की गुणवत्ता टेस्ट करने के लिए मोबाइल वैन (Mobile Van) का उपयोग किया जाएगा, जिसका उद्घाटन हुआ। यह जानकारी महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण महामंडल के प्रादेशिक अधिकारी राजेंद्र राजपूत ने दी। तेज रफ्तार से विकसित हो रहे नासिक, धुलिया, नंदुरबार, जलगांव और अहमदनगर के विभिन्न अस्थापनों में निर्माण हो रहे घातक घटक, रसायन के साथ अन्य साहित्य जलाने के साथ घटक प्रक्रिया न करते हुए उसे नदीपात्र में छोड़ने से नदी प्रदूषण बढ़ गया है। हवा भी अधिक मात्रा में प्रदूषित हो रही है, जिसे लेकर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण महामंडल जनजागृति कर रहा है। साथ ही विभिन्न प्रकार के नमूने निजी लैब में टेस्टिंग के लिए भेजे जा रहे थे। उपाय योजना के लिए रिपोर्ट की राह देखनी पड़ती थी।
अब महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण महामंडल ने हवा, पानी, गैस सहित अन्य नमूनों की जांच के लिए अत्याधुनिक यंत्रणा का उपयोग कर मोबाइल वैन तैयार की है। इसके माध्यम से उत्तर महाराष्ट्र में कामकाज किया जाएगा। इस वैन का उद्घाटन प्रादेशिक अधिकारी राजपूत के हाथों हुआ। इस समय उप प्रादेशिक अधिकारी अमर दुर्गले, विनोद पवले, हेमंत कुलकर्णी, संतोष मोहरे, किशोर पाटिल, नितिन चौधरी, अनिकेत चौधरी, विजय पाटिल, वैन अधिकारी विक्रम कदम, मयूर सालवे, अनिल सुर्यवंशी, नीलेश चौधरी आदि उपस्थित थे।
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वैन के माध्यम से इस प्रकार की जाएगी जांच
मोबाइल वैन के माध्यम से वातावरण गुणवत्ता, हवा टेस्ट, प्रदूषण प्रभावित हवा के घटक, उद्योग, कंपनी, औष्णिक बिजली प्रकल्प, जंगल कटाई, जंगल की आग, वैयक्तिक, वाहन, जीवाश्म ईंधन, निर्माण कार्य आदि के माध्यम से होने वाले प्रदूषण की जांच की जाएगी।
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