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नयी दिल्ली. भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने दवा निर्माताओं को ‘मैरियन बायोटेक’ को सामग्री आपूर्ति करने वाली दिल्ली की कंपनी का ‘प्रोपलीन ग्लाइकोल’ इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया है। उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर ‘मैरियन बायोटेक’ के कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत हो गई थी। डीसीजीआई के अनुसार ‘माया केमटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ ने ‘मैरियन बायोटेक’ के कफ सिरप में इस्तेमाल हुए ‘प्रोपलीन ग्लाइकोल’ आपूर्ति की थी, जो “मानक गुणवत्ता” के नहीं पाए गए थे।
‘मैरियन बायोटेक’ के तीन कर्मचारियों को मिलावटी दवाओं के निर्माण व बिक्री के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा,केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के उत्तरी क्षेत्र के औषधि निरीक्षक ने पिछले हफ्ते ‘मैरियन बायोटेक’ को नोटिस जारी कर संबंधित दवा की बिक्री और वितरण पर रोक लगाने को कहा था।
उज्बेकिस्तान ने पिछले साल दिसंबर में आरोप लगाया था कि ‘मैरियन बायोटेक’ के खांसी के सिरप का सेवन करने के बाद कई बच्चों की मौत हो गई थी। उज्बेकिस्तान ने दावा किया था कि ‘एथिलीन ग्लाइकोल’ अथवा ‘प्रोपलीन ग्लाइकोल’ के निर्धारित मात्रा में इस्तेमाल नहीं करने के कारण सिरप जहरीले हो गए थे।
डीसीजीआई राजीव रघुवंशी ने सात मार्च को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लाइसेंसिंग अधिकारियों को लिखे एक पत्र में कहा, “सूचित किया जाता है कि माया केमटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड … ‘प्रोपलीन ग्लाइकोल’ का मुख्य आपूर्तिकर्ता था, जिसका उपयोग दूषित खेप में किया गया था। उपरोक्त के मद्देनजर, आपसे अनुरोध है कि आप सभी निर्माताओं को निर्देश जारी करें कि वे माया केमटेक इंडिया प्राइवेट द्वारा आपूर्ति किए गए ‘प्रोपलीन ग्लाइकोल’ का उपयोग न करें।” (एजेंसी)
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