Uttar Pradesh News | टैलेंट, ट्रेडिशन, ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म के मंत्र से आगे बढ़ रहा उत्तर प्रदेश: CM योगी आदित्यनाथ

Posted by

Share

[ad_1]

up budget cm yogi

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से शुक्रवार को भारतीय विदेश सेवा (2007 बैच) के चार अधिकारियों ने शिष्टाचार मुलाकात की। विकास की दौड़ में पिछड़े आठ आकांक्षात्मक जनपदों के समग्र विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का अवलोकन करने सम्बन्धी एक सप्ताह के ओरिएंटेशन कार्यक्रम के उपरांत राजधानी आए इन वरिष्ठ राजनयिकों ने अपने भ्रमण के अनुभवों को मुख्यमंत्री से साझा किया और प्रदेश के विकास के लिए अपने सुझाव भी दिए। वरिष्ठ राजनयिकों का उत्तर प्रदेश आगमन पर अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में वैश्विक पटल पर भारत की मजबूत स्थिति है, इसमें विदेश सेवा के अधिकारी का अहम योगदान है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 25 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) भारत में सबसे बड़ी आबादी का प्रदेश है। यह भारत का हृदय स्थल है। यह भारत की आध्यत्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का स्रोत है। यहां की उर्वर भूमि इस प्रदेश की समृद्धि का मूलाधार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए ‘5टी’ का मंत्र दिया है। 5 टी यानी ‘टैलेंट, ट्रेडिशन ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म। उत्तर प्रदेश इन मंत्रों को आत्मसात कर लगातार आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में आध्यत्मिक पर्यटन विकास के प्रयासों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में बुद्ध सर्किट, रामायण सर्किट, ब्रज सर्किट, विंध्य-वाराणसी सर्किट जैसे क्षेत्र विशेष पर्यटन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यहां श्रद्धालुओं/पर्यटकों की आवश्यकताओं/अपेक्षाओं के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

कौशल संवर्धन के काम किया जा सकता है

सीएम योगी ने कहा कि बड़ी संख्या में प्रदेश के नागरिक दक्षिण-पूर्व एशिया, खाड़ी देशों में प्रवास करते हैं। इनमें बड़ी संख्या अकुशल श्रमिकों की है। अकुशल होने के कारण आमतौर पर उनका पारिश्रमिक भी कम होता है। ऐसे में सरकार इनके कौशल उन्नयन के लिए प्रयासरत है। विदेश मंत्रालय के सहयोग से ऐसे लोगों को चिन्हित कर इनके कौशल संवर्धन के काम किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा चिन्हित प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जनपदों (बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, चित्रकूट, बहराइच और श्रावस्ती) में विकास के सभी मानकों पर नियोजित कार्य किया जा रहा है। नीति आयोग द्वारा सतत रियल टाइम मॉनीटरिंग डैशबोर्ड (चैंपियन ऑफ चेंज) के अनुसार जारी रैंकिंग में इन जिलों ने अच्छा स्थान प्राप्त किया है। देश के कुल 112 आकांक्षात्मक जिलों में सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने वाले जिलों की नवीनतम सूची में हमारे 6 जिले शीर्ष 10 में शामिल हैं, जबकि शीर्ष 20 में यूपी के सभी 8 जिले शामिल हैं। 

यह भी पढ़ें

ओडीओपी हमारी विरासत की प्रतीक

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से आकांक्षात्मक जनपदों की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा आकांक्षात्मक विकासखंडों के सामाजिक-आर्थिक सुधार के लिए प्रयास किया जा रहा है और अब इसी तर्ज पर आकांक्षात्मक नगरीय निकायों के लिए भी कार्ययोजना तैयार की है। स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और आधारभूत संरचना आदि क्षेत्र के तय 75 इंडिकेटर पर इन आकांक्षात्मक क्षेत्रों के समग्र विकास के प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारी को प्रदेश के पारंपरिक शिल्पकला के प्रोत्साहन के लिए शुरू की गई अभिनव ‘ओडीओपी’ योजना के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि एक जनपद , एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) हमारी विरासत की प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ओडीओपी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश से निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले 5 वर्षों में निर्यात लगभग 88 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर लगभग 1.57 लाख करोड़ रुपए हो गया है।

GIS की सफलता देश के विकास में महत्वपूर्ण 

भेंट-वार्ता के दौरान अधिकारीगणों ने प्रदेश में बेहतर होती इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं, विद्यालयों के कायाकल्प, अमृत सरोवर, सुदृढ़ कानून-व्यवस्था, उद्योग जगत को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों और निवेश अनुकूल माहौल की सराहना करते हुए उत्तर प्रदेश को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के पैमाने पर राज्य सरकार के प्रयासों की भी सराहना की। साथ ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 की अभूतपूर्व सफलता पर हर्ष प्रकट करते हुए इसे प्रदेश के साथ-साथ देश के विकास में महत्वपूर्ण बताया। विदेश सेवा के अधिकारीगणों ने प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यत्मिक विरासत की चर्चा करते हुए प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के विकास की संभावनाओं के विकास के सम्बंध में अपने सुझाव भी दिए। प्रयागराज कुंभ 2019 के माध्यम से वैश्विक पटल पर भारतीय संस्कृति को एक विशिष्ट पहचान दिलाने के प्रयासों की चर्चा करते हुए अधिकारीगणों ने आगामी कुंभ 2025 के दौरान यथोचित सहयोग देने के लिए रुचि प्रदर्शित की। सस्टनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के लक्ष्यों की प्राप्ति में उत्तर प्रदेश की के नीतिगत क्रियान्वयन की सराहना करते हुए  अधिकारीगणों ने कहा कि प्रदेश में पोटेंशियल है, अपार संभावनाएं हैं। एसडीजी के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की प्राप्ति में उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।



[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *