बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। शीत ऋतु में दुधारू पशुओं की देखभाल पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है, अन्यथा दूध उत्पादन में कमी आ सकती है। पशु चिकित्सा विकासखंड अधिकारी डॉ. विजय शर्मा ने कृषक चौपाल के दौरान दुग्ध उत्पादक किसानों को इस विषय पर जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सर्दियों में 15-20 दिनों तक अत्यधिक ठंड और शीत लहर का असर रहता है, जो कभी-कभी 20 दिनों से अधिक भी हो सकता है। ऐसे में दुधारू और अन्य पालतू पशुओं को ठंड से बचाने के लिए विशेष प्रबंध करना चाहिए।
डॉ. शर्मा ने पशुओं के आहार में गेहूं का सूखा भूसा, मक्का, ज्वार, बाजरा और अन्य सूखे अनाज से बने बांटे को शामिल करने की सलाह दी, जिससे उनके शरीर में गर्मी बनी रहती है। साथ ही, पशुओं को ठंड से बचाने के लिए टीकाकरण कराना ज़रूरी है। यह नजदीकी पशु चिकित्सा केंद्र पर उपलब्ध है। टीकाकरण से पशुओं का तापमान सामान्य रहता है और बीमारियों से बचाव होता है।
उन्होंने कहा कि पशुओं को देर रात खुले में न छोड़ें और उनके बांधने वाले स्थान को बरसाती या अन्य साधनों से ढक दें ताकि ठंडी हवा न लगे। आहार में पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और वसा जरूर शामिल करें। सर्दियों में उपलब्ध विशेष गोलियों का भी उपयोग करें।
डॉ. शर्मा ने किसानों को सलाह दी कि बीमारी के लक्षण दिखते ही सरकार के टोल-फ्री नंबर 1962 पर संपर्क करें। कार्यशाला में सहायक चिकित्सक अनिल योगी और खंड चिकित्सा अधिकारी भारती शर्मा, समता सौरठ ने भी पशुओं की देखभाल के महत्व पर प्रकाश डाला।
Leave a Reply