बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। ठंड के मौसम में आलू की खपत बढ़ जाती है। आलू अन्य सब्जियों के साथ उपयोगी होने के कारण इसकी मांग में वृद्धि होती है। इस समय क्षेत्र के किसान आलू की फसल को निर्धारित समय से पहले निकाल रहे हैं। इसका प्रमुख कारण आलू की बढ़ी हुई कीमतें हैं।
आलू की कीमतों में उछाल-
क्षेत्र के किसानों के अनुसार, इस समय आलू मंडियों में 1,700 से 2,000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रहा है। यह कीमतें किसानों को आर्थिक राहत प्रदान कर रही हैं। पिछले साल घाटे का सामना करने वाले किसानों के लिए यह स्थिति राहतभरी है।
जल्दी फसल निकालने के कारण-
किसानों का कहना है कि जल्दी आलू निकालने के पीछे एक प्रमुख कारण उनके खेतों में प्याज की अगली फसल की तैयारी करना है। किसान शांतिलाल पाटीदार, मुकेश बागवान, सागर पाटीदार, श्रीराम पाटीदार आदि ने बताया, कि इस बार पानी की पर्याप्त उपलब्धता है, जिससे किसान आलू के बाद प्याज की खेती करने के लिए खेत तैयार कर रहे हैं।
कृषि बाजार का बदलता स्वरूप-
कृषक अजय पाटीदार गब्बूलाल पाटीदार का कहना है, कि अब किसान मानसून पर कम और बाजार भाव पर अधिक निर्भर होता जा रहा है। आधुनिक खेती के साधनों, जैसे मल्चिंग, ड्रिप सिंचाई और पाली हाउस, का उपयोग बढ़ रहा है, लेकिन बाजार में भाव की अस्थिरता किसानों के लिए चुनौती बनी हुई है।
पिछले साल का घाटा-
विगत वर्ष मालवा क्षेत्र के किसान आलू, प्याज जैसी फसलों के कम भाव के कारण घाटे में रहे। कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने वाले किसान और खराब होती फसल के कारण परेशान किसानों की स्थिति चिंताजनक थी। इस साल, अच्छे बाजार भाव और जलवायु के अनुकूल स्थिति ने किसानों को राहत दी है।
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