- विश्व दिव्यांगता दिवस पर अमलतास विशेष विद्यालय में हुए विशेष आयोजन
- सामाजिक दायित्व पूरा करने के लिए दिव्यांग बच्चों के लिए शुरू किया है विशेष विद्यालय- चेयरमैन डॉ. भदौरिया
देवास। विश्व दिव्यांग दिवस के उपलक्ष्य में अमलतास अस्पताल में जागरूकता व दिव्यांग बच्चों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पांच दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान दिव्यांग बच्चों ने लेमन रैस, चेयर रैस सहित अन्य खेल गतिविधियों के साथ नृत्य व अभिनय के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। बच्चों का साथ पेरेंट्स व विशेष विद्यालय के स्टाफ ने भी दिया। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों ने श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले दिव्यांग बच्चों को पुरस्कार वितरित किए।
अतिथि के रूप में जिला पंचायत सीईओ हिमांशु प्रजापति, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेलम बघेल ने उपस्थित होकर दिव्यांग बच्चों का हौंसला बढ़ाया। अतिथियों ने संबोधित करते हुए कहा कि अमलतास अस्पताल के विशेष विद्यालय के बच्चे उचित ट्रेनिंग एवं उपचार से समाज में अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं। दिव्यांगजन कमजोर नहीं, बल्कि समाज की ताकत हैं। इनकी मेहनत, संकल्प और योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। अपनी मेहनत से न केवल स्वयं को बल्कि समाज को भी आगे ले जा रहे हैं। विशेष विद्यालय के बच्चों को ट्रेंड करने में अमलतास अस्पताल प्रबंधन व स्टॉफ की भूमिका भी सराहनीय है।
दिव्यांग बच्चों के लिए हर प्रकार के संसाधन उपलब्ध कराए हैं-
अमलतास अस्पताल के चेयरमैन मयंकराजसिंह भदौरिया ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि हम चिकित्सा के के साथ ही अपने सामाजिक दायित्व को निभाने में हर संभव प्रयास करते आए हैं। दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष विद्यालय की शुरुआत इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए की गई है। यहां बच्चों के प्रशिक्षण एवं उपचार के लिए हर प्रकार के संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। श्री भदौरिया ने कहा दिव्यांग बच्चों के मस्तिष्क स्तर के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों ने नृत्य की खूबसूरत प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया। बच्चों ने ओ माय फ्रेंड गणेशा…, छोटा बच्चा जानके हमको… गीतों पर नाचते हुए अपनी अद्भुत क्षमता का परिचय दिया। इसके बाद समाज को जागरूक करते हुए नाटक की प्रस्तुति दी। इसमें बच्चों के साथ पेरेंट्स व विशेष विद्यालय के स्टॉफ ने भी सहभागिता की। नाटक के माध्यम से दिव्यांगता के प्रति समाज को जागरूक किया गया।
29 नवंबर से प्रारंभ हुए कार्यक्रम-
विश्व दिव्यांगता दिवस के उपलक्ष्य में जागरूकता के लिए अस्पताल में 29 नवंबर को दिव्यांग बच्चों ने अस्पताल परिसर में हाथों में तख्तियां लेकर रैली निकाली। इसके बाद चेयर रैस व लेमन रैस प्रतियोगिता कराई गई। इसमें 3 वर्ष से लेकर 18 वर्ष से अधिक के दिव्यांग बच्चों ने उत्साह के साथ भाग लिया। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय आने वाले बच्चों को अस्पताल प्रबंधन की ओेर से पुरस्कृत किया गया।
आयोजन में पेरेंट्स के लिए भी चेयर रैस करवाई गई। इसमें महिलाओं ने शामिल होकर दिव्यांगजनों के लिए समाज को जागरूक किया। इसमें भी प्रथम, द्वितीय व तृतीय आने पर पुरस्कार दिए गए।
ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जागरूकता अभियान-
विश्व दिव्यांगता दिवस के उपलक्ष्य में 30 नवंबर को अमलतास अस्पताल प्रबंधन ने न सिर्फ देवास बल्कि उज्जैन जिले के गांवों में भी जागरूकता अभियान चलाया। विशेष विद्यालय के स्टाफ ने गांवों में जाकर दिव्यांगता के बारे में जानकारी दी। लोगों को बताया कि वे अपने बच्चे में किसी प्रकार की परेशानी हो तो तुरंत ही चिकित्सक के पास जाएं और समय पर उपचार प्रारंभ करवाएं। दिव्यांग बच्चे के साथ किसी प्रकार का भेदभाव ना करें।
फैंसी ड्रेस में कोई परी तो कोई बना कृष्ण-
कार्यक्रम के दौरान 2 दिसंबर को फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें बच्चों ने कई तरह की वेशभूषा से उपस्थित लोगों का मन मोहा। कोई परी बनकर तो कोई कृष्ण बनकर आया। एक बच्चे ने एटीएम मशीन की वेशभूषा पहनी। इन बच्चों के टैलेंट को देखकर हर कोई आश्चर्य में था। सभी ने तालियां बजाकर बच्चों का उत्साह बढ़ाया।
ये थे उपस्थित थे-
आयोजित कार्यक्रम में अमलतास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शरदचंद्र वानखेड़े, मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. ऐके पीठवा, रजिस्ट्रार संजय रामबोले, अमलतास विशेष विद्यालय की प्रिंसिपल डॉ. भारती लाहोरिया, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. महावीर खंडेलवाल, निदेशक डॉ. प्रशांत, अश्विन तंवर, सभी कॉलेज के प्रिंसिपल एवं स्टाफ उपस्थित था।
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