देवास। गुरु भक्ति से जीवन सार्थक हो जाता है। गुरु ही हमें जीवन के मायाजाल से ईश्वर की शरण में ले जाता है। यह विचार महंत स्वामी रामनारायणजी ने श्री रामद्वारा में रामचरणजी महाराज की जयंती के अवसर पर प्रकट किए।
श्री रामद्वारा में राम स्नेही संप्रदाय प्रवर्तक स्वामी श्री 1008 रामचरणजी महाराज की 304वीं जयंती मनाई गई। प्रातःकाल संत राम सुमिरणजी एवं बाल संत पुनीत रामजी ने गुरु वाणी का पाठ किया। तत्पश्चात विजयवर्गीय महिला मंडल एवं राम स्नेही सत्संग मंडल ने सुंदरकांड का पाठ किया। महंतजी ने कहा, कि महापुरुषों के पथ पर चलकर हम स्वयं और अपने परिवार का कल्याण कर सकते हैं। जो व्यक्ति ईश्वर की निष्काम भाव से भक्ति करता है, वह कभी भी निराश नहीं होता। ईश्वर हमेशा भक्त का साथ देते हैं और उसे जीवन संघर्ष से उभार लेते हैं। दोपहर 12 बजे स्वामी रामचरणजी की महाआरती की गई एवं प्रसाद वितरण किया गया। सभी भक्तों को राम नाम की पुस्तिका वितरित की गई। यह जानकारी महेश सोनी ने दी।
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