बुराइयों को छोड़े बिना जीवन को सुखमय नहीं बनाया जा सकता- ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी

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– जिला जेल में ब्रह्मकुमारी बहनों ने कैदी भाइयों को बांधी राखी

देवास। हमें अपनी बुराइयों को छोड़कर परमात्मा का रक्षासूत्र बांधकर जीवन को सुखमय बनाना है। हम जो रक्षासूत्र बांध रहे हैं, यह हर किसी के नसीब में नहीं होता है। यह परमात्मा का रक्षासूत्र है। रक्षाबंधन अर्थात भाई को राखी बांधकर बहन रक्षा का वचन लेती है, लेकिन अगर भाई छोटा या कहीं दूर हो तो बहन की रक्षा कैसे कर सकता है। वास्तव में आज ऐसा समय आ गया है, जब हम देखते हैं, कि बहनें सुरक्षित नहीं है। चारों तरफ भय का वातावरण है।

यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कालानी बाग सेंटर द्वारा रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में जिला जेल में कैदी भाइयों को राखी बांधने के दौरान जिले की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा, कि ऐसे समय में परमात्मा आकर हमें रक्षासूत्र के माध्यम से हमें समझाते हैं, कि जब हमारे अंदर पांच विकार काम, क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या आते हैं तो इनके वशीभूत होकर मनुष्य बुरे कर्म कर बैठता है। फिर हमारे पास परमात्मा के सिवा कुछ और नहीं रह जाता तो परमात्मा हमें आकर इन बुराइयों से छुड़ाकर रक्षासूत्र बांधते हैं। हमें अपने अंदर की बुराइयों को परमात्मा को देकर परमात्मा से हमें अच्छाइयों को ग्रहण करना है। बुराइयों को छोड़े बिना जीवन को सुखमय नहीं बनाया जा सकता। सभी कैदी भाइयों को ब्रह्मकुमारी बहनों ने रक्षासूत्र बांधा। जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे ने कहा, कि चाचा-चाची, दादा-दादी, नाना-नानी यह सब रिश्ते बाहर के रिश्ते हैं। बाकी हम सब कारागृह में हम एक हैं, सब भाई-बहन हैं। आप सभी को राखी की शुभकामनाएं देती हूं। आप सभी अपने दुर्व्यसनों को छोड़ स्वयं को अच्छा नागरिक बनाएं। उप अधीक्षक अनिल दुबे ने भी अपने संबोधन में बुराइयों को छोड़ने की बात कही। इस अवसर पर जेल स्टाफ बाबूलाल वर्मा, घनश्याम वर्मा, फतेहसिंह वर्मा, संतोष बडोनिया, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्था सदस्य मनीषा बहन, अपुलश्री बहन, हेमा बहन, एकता बहन, संगीता लालवानी, शकुंतला बहन, रितु बहन, दीपिका बहन, अफजल भाई, शिव भाई, दीपक भाई आदि उपस्थित थे।

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