देवास। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कालानी बाग सेंटर में प्रकाशमणि दादी की 18वीं पुण्यतिथि मनाई गई।
जिले की मुख्य संचालिका प्रेमलता दीदी ने विचार प्रकट करते हुए कहा, कि दादीजी के ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका के रूप में नियुक्त होते ही संस्था की आध्यात्मिक क्रांति ने जोर पकड़ा। आध्यात्मिक क्रांति की अग्रदूत थीं प्रकाशमणि दादी। देवदूत के रूप में उभरी और संस्था का सुचारू रूप से संचालन किया। नैसर्गिक प्रतिभा, सहज वृत्ति व दिव्य दृष्टि के आधार पर दादी ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की। वे सदैव स्वयं को ट्रस्टी और निमित्त समझ कर चलती थी। शांति दूत पुरस्कार तथा मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई। दादीजी एक ज्योतिषी के घर जन्मी थी।
इस अवसर पर मां चामुंडा सेवा समिति के रामेश्वर जलोदिया, उम्मेदसिंह राठौर, नरेंद्र मिश्रा, दिनेश सांवलिया, इंदरसिंह गौड़, सत्यनारायण पांचाल, भगवान रावल, मंजू जलोदिया, संस्था सदस्य मनीषा बहन, अपुलश्री बहन, हेमा बहन, एकता बहन, सपना धवल, रत्नप्रभा बहन, विवेकभाई, रामभाई आदि ने दादीजी को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।
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