खेड़ापति हनुमान मंदिर में अखंड रामायण की पूर्णाहुति

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बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। गांव स्थापना के समय में स्थापित खेड़ापति हनुमान मंदिर में विगत 25 वर्ष से माह में आने वाली पूनम पर अखंड रामायण की पूर्णाहुति की जाती है। एक दिन पूर्व चौदस पर सुबह से ही हनुमानजी की चौकी स्थापित कर तुलसीकृत रामचरितमानस का दोहावली चौपाई द्वारा लयबद्ध तरीके से पाठ होता है।

24 घंटे बाद पूनम पर्व पर इसकी पूर्णाहुति के साथ विष्णु यज्ञ किया जाता है। यह परंपरा यहां के वरिष्ठ लोगों ने 25 वर्ष पूर्व युवावस्था में की थी। इस परंपरा को निभाते-निभाते आज बुजुर्ग स्थिति में आ गए। इन्हीं में शामिल भागीरथ पटेल, रामचंद्र दांगी, कन्हैयालाल पाटीदार, शिवनारायण वर्मा, भोजराज पाटीदार, भागीरथ पटेल, काशीराम पाटीदार, गब्बूलाल पाटीदार, बक्शीराम पटेल ने बताया कि रामायण पढ़ने की परंपरा क्षेत्र के लोगों में आरंभ से रही है। पहले धार्मिक अनुष्ठान में रामायण का बहुत महत्व था। दूर-दूर से लोग यहां की मंडली को रामायण पढ़ने के लिए बुलाते थे। संगीतमय रामायण का प्रचलन भी चल गया है। आज भी यहां के युवा बाबा भजन मंडल वाले श्रद्धालु दूर-दूर तक सुंदरकांड, रामायण पढ़ने जाते हैं। अब अखंड रामायण का प्रचलन कम होकर सुंदरकांड का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। मंदिर में रामायण पढ़ने का आनंद कुछ और है, वह भी हनुमानजी के मंदिर में। यहां पर सभी श्रद्धालु भेदभाव भुलाकर श्रद्धा से रामायण पढ़ने आते हैं। पं. हरीश उपाध्याय, अंतिम उपाध्याय द्वारा आरती की गई। आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया गया।

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