– मां कैलादेवी मंदिर में चातुर्मास महोत्सव के अंतर्गत सवा लाख पार्थिव शिवलिंग का होगा निर्माण
देवास। पार्थिव शिवलिंग के पूजन से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जो भी भक्त पार्थिव शिवलिंग का पूजन करता है, उसके रोग, भय व सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है। पार्थिव शिवलिंग के अभिषेक का अपना महत्व है। यश प्राप्ति के लिए दूध व मिश्री से, रोग एवं भय को दूर करने के लिए सरसो के तेल से व आत्मशांति के लिए गुलाब के पुष्प से पार्थिव शिवलिंग का पूजन करना चाहिए।
मां कैलादेवी मंदिर में पार्थिव शिवलिंग के निर्माण एवं पूजन के दौरान यह विचार अनंत विभूषित दंडी स्वामी हेमेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने व्यक्त किए। मंदिर में चातुर्मास महोत्सव के अंतर्गत पार्थिव शिवलिंग का निर्माण हो रहा है। यहां सवा लाख से अधिक पार्थिव शिवलिंग 31 अगस्त तक बनाए जाएंगे। प्रतिदिन औसत रूप से 2100 शिवलिंग दंडी स्वामीजी के मार्गदर्शन में बनाए जा रहे हैं। मंदिर में 4 जुलाई से चातुर्मास महोत्सव प्रारंभ हो चुका है। दंडी स्वामी हेमेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने बताया 18 जुलाई से 16 अगस्त तक पुरुषोत्तम मास में पार्थिव शिवलिंग का पूजन विशेष प्रकार से किया जाएगा। इसी दौरान 16 से 26 जुलाई तक शिव महापुराण की कथा होगी। शास्त्र सम्मत शिव महापुराण कथा का पुण्यफल अवश्य प्राप्त होता है।
मां कैलादेवी मंदिर उत्सव समिति के मन्नूलाल गर्ग ने बताया चातुर्मास में सिद्ध संतों के सानिध्य में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण और अभिषेक-पूजन हो रहा है। शिव महापुराण कथा का वाचन हो रहा है। उन्होंने शहरवासियों से धार्मिक आयोजन में शामिल होकर पुण्यलाभ प्राप्त करने का अनुरोध किया है।
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