देवास। गुरु कृपा से ही जीवन सार्थक होता है। मानव जीवन बिना गुरुकृपा के ऐसा है, जैसे समुद्र में बिना पतवार व बिना नाविक के नाव। यह विचार गुरु पूर्णिमा के अवसर पर श्रीराम द्वारा में महंत स्वामी राम नारायणजी ने प्रकट किए। श्रीराम द्वारा में गुरु पूर्णिमा का पर्व उल्लासपूर्वक मनाया गया।
प्रातःकाल रामस्नेही संप्रदाय के प्रवर्तक स्वामी रामचरणजी महाराज की गुरु वाणी का पाठ संत राम सुमिरणजी ने किया। तत्पश्चात भक्तजनों को महंत स्वामी राम नारायणजी द्वारा गुरु मंत्र एवं दीक्षा प्रदान करना शुरू की गई। श्रीराम द्वारा सत्संग मंडल ने सुमधुर भजन प्रस्तुत किए। महंतजी ने कहा कि हमारे जीवन में कठिनाई आना स्वाभाविक है, लेकिन ईश्वर की कृपा एवं गुरु कृपा से उस कठिनाई से हम आसानी से निकल जाते हैं। हमेशा ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास एवं गुरु के प्रति अपार श्रद्धा रखना चाहिए। दोपहर 12 बजे महाआरती की गई एवं प्रसाद वितरण किया गया। गुरु पूर्णिमा के अवसर से रामद्वारा में चातुर्मास प्रारंभ हुआ, जिसका समापन दशहरा पर होगा। यह जानकारी महेश सोनी ने दी।
Leave a Reply