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उच्च न्यायालय ने Himachal में पर्यटकों के हंगामे पर संज्ञान लिया, स्थिति रिपोर्ट तलब

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ruckus of tourists

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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की पीठ ने मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), कुल्लू एवं बिलासपुर के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को नोटिस जारी किया।

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पिछले दिनों मणिकर्ण, बिलासपुर और मनाली में पर्यटकों द्वारा किए गए हंगामे से जुड़ी खबरों पर शुक्रवार को गौर करते हुए राज्य सरकार को इस संबंध में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की पीठ ने मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), कुल्लू एवं बिलासपुर के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को नोटिस जारी किया।

इस मामले में 13 मार्च को अगली सुनवाई होगी।
पीठ ने छह और सात मार्च को समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर जनहित याचिका के रूप में स्वत: संज्ञान लेते हुए एक रिट याचिका पर यह आदेश दिया।
खबरों के अनुसार, पंजाब से आए पर्यटकों ने पांच मार्च की रात मणिकर्ण में हंगामा किया जिससे दंगे जैसी स्थिति बन गई और पंजाब के 100 से अधिक गुंडों ने हंगामा किया।
अदालत ने एक अन्य रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि मणिकर्ण की घटना के बाद, पंजाब के सैकड़ों श्रद्धालु छह मार्च को एकत्र हुए और बिलासपुर जिले में हंगामा किया एवं चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग को करीब डेढ़ घंटे के लिए बंद कर दिया गया।

पुलिस के अनुसार, पांच मार्च की रात मणिकर्ण में एक मेले के दौरान पंजाब से आए तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प में चार लोग घायल हो गए।
पुलिस ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि मणिकर्ण में हुई झड़प के सिलसिले में एक मामला दर्ज किया गया है और मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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