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    प्याज उत्पादक किसानों की मुश्किलें बढ़ीं: बारिश से फसल खराब, मंडी में बिक रहा औने-पौने दाम

    ByNews Desk

    Jun 2, 2025
    Onion
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    देवास। प्याज उत्पादक किसान इन दिनों मौसम की मार और गिरते बाजार भाव के कारण भारी आर्थिक संकट में हैं। लगातार हो रही अनसीजनल बारिश ने न सिर्फ प्याज की क्वालिटी को प्रभावित किया है, बल्कि किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है।

    देवास जिले में बड़ी संख्या में किसान प्याज की फसल लगाते हैं। इस बार भी किसानों ने अच्छे भाव की उम्मीद में प्याज लगाए थे, लेकिन बेमौसम बारिश ने प्याज के उत्पादन को प्रभावित किया। कई किसानों के यहां प्याज खेतों में सड़ रहे हैं।

    किसानों का कहना है, कि गर्मी के मौसम में इस तरह की बारिश पहले कभी नहीं देखी गई। लगभग एक महीने से मौसम बिगड़ा हुआ है, जिससे खेतों में पानी और नमी के कारण प्याज सड़ भी चुका है।

    स्थिति यह है कि थोक मंडियों में प्याज की कीमतें गिर गई हैं, जिससे किसानों को फसल की लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। थोक मंडी में अच्छी क्वालिटी का प्याज 4 से 5 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है।

    ग्राम छोटी चुरलाई के किसान जयसिंह ठाकुर ने बताया कि परिवहन (भाड़ा) तक नहीं निकल पा रहा, जिससे उन्हें प्याज बेचने की बजाय खेत में ही खराब होने देना ज्यादा बेहतर लगा। उनका कहना मेरी 66 साल की उम्र हो गई है, आज तक गर्मी के मौसम में ऐसी बारिश नहीं देखी।

    भंडारण की कमी भी बनी बड़ी समस्या-
    बेहरी के कृषक हीरालाल गोस्वामी का कहना है, प्याज के भंडारण की समुचित व्यवस्था नहीं है। कई गांवों में प्याज की फसल को अस्थायी तौर पर खुले में या कच्चे गोदामों में रखा गया है। बारिश के कारण इन भंडारण स्थलों के आसपास भी पानी भर गया, जिससे सड़न की प्रक्रिया तेज हो गई है। उनका कहना है कि यदि सरकार या पंचायत स्तर पर भंडारण की उचित व्यवस्था होती, तो नुकसान कुछ हद तक कम किया जा सकता था।

    खराब गुणवत्ता के कारण खरीददार नहीं मिल रहे-
    थोक मंडियों में प्याज की आपूर्ति तो हो रही है, लेकिन खरीदार न के बराबर हैं। व्यापारी भी खराब गुणवत्ता और मांग में गिरावट के कारण प्याज खरीदने से हिचक रहे हैं। इससे मंडी में किसानों की उपज को खरीदार ही नहीं मिल पा रहे।

    भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री शेखर पटेल का कहना है, जलवायु परिवर्तन, बाजार में गिरते दाम और सुविधाओं की कमी ने प्याज उत्पादक किसानों को गहरे संकट में डाल दिया है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में प्याज की खेती करना किसानों के लिए घाटे का सौदा बन सकता है।

    किसानों ने की सर्वे की मांग-
    जिला मंत्री श्री पटेल ने सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग की है। उनका कहना है कि प्याज की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए और प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान की भरपाई की जाए। हमारी मांग है कि सभी तहसीलों में सर्वे किया जाए और राहत राशि दी जाएं। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही सर्वे के आदेश जारी नहीं होते हैं प्याज उत्पादक किसानों के साथ आंदोलन करेंगे।

    कृषि विशेषज्ञों की चेतावनी-
    कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह की अप्रत्याशित मौसमी घटनाएं बढ़ रही हैं। किसानों को उन्नत किस्म की फसलों, बेहतर भंडारण सुविधाओं की ओर बढ़ना होगा।