सायबर सुरक्षा आज की सबसे बड़ी चुनौती है- डॉ. वरुण कपूर

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  • अलग-अलग अकाउंट के लिए अलग-अलग एवं मजबूत पासवर्ड बनाएं- डॉ. कपूर
  • “Black Ribbon Initiative” संदेश’’ अभियान के तहत 716वीं कार्यशाला

देवास। Black Ribbon Initiative संदेश’ अभियान के तहत “सायबर सुरक्षा एवं जागरूकता’’ विषय पर पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय बीएनपी देवास में डॉ. वरुण कपूर-विशेष पुलिस महानिदेशक द्वारा 716वीं कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 215 विद्यार्थियों एवं 39 शिक्षकगणों ने भाग लिया।

डॉ. कपूर के मुख्य आतिथ्य में संपन्न कार्यशाला में बैंक नोट प्रेस के महाप्रबंधक केदारनाथ महापात्र, विद्यालय प्राचार्य भरत कुमार सेठ, इंस्पेक्टर पूनम राठौर एवं उनकी टीम सहित कई गणमान्य नागरिक एवं विद्यार्थी सम्मिलित हुए।

कार्यशाला के प्रारंभ में प्राचार्य श्री सेठ, उप प्राचार्य श्री अजय, सुरेश पुरोहित, नंदिनी सक्सेना, दीपक नागदे ने पुष्पगुच्छ भेंट कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. कपूर ने बताया कि फिशिंग बुलिंग, स्टॉकिंग, गेमिंग इत्यादि सायबर अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसे आपको समझना होगा व सतर्क एवं जागरूक रहना होगा, तभी आप सायबर अपराध का शिकार होने से बच सकते हैं। सायबर सुरक्षा आज की सबसे बड़ी चुनौती है। सायबर अपराधी दिन-प्रतिदिन नए-नए तरीकों से सायबर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। अपने डाटा को सुरक्षित रखने के लिये दिशा-निर्देशों का पालन करें। किसी भी ऑनलाइन/सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी निजी जानकारी, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, पता इत्यादि साझा न करें। सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट न करें। अनजान ई-मेल/पोस्ट का जवाब न दें।

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अपने खाते का पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें। अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत रखें। अपरिचित व्यक्ति जिसे आप नहीं जानते उन्हें ब्लॉक करें। अलग-अलग अकाउंट के लिए अलग-अलग एवं मजबूत पासवर्ड बनाएं। झांसे या प्रलोभन में न आएं। बैंक में पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजी गई लिंक/ओटीपी को किसी दूसरे नम्बर पर फारवर्ड करने के लिए कहने पर फारवर्ड न करें। अनजान लिंक को ओपन न करें।

अनजान फोन/वीडियो कॉल व किसी अनजान की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। आप किसी सोशल मीडिया पोस्ट, मेल, चैटिंग से असहज हो, तो तुरंत अपने माता-पिता को अथवा विश्वसनीय व्यक्ति को बताएं और पुलिस में शिकायत करें। युवा ऑनलाइन गेमिंग में ज्यादा समय व्यतीत करते हैं जिसके कारण गेमिंग डिसआर्डर का शिकार हो रहे हैं। इसका फायदा उठाकर अदृश्य अपराधी ऑनलाइन गेम में चैटिंग कर युवाओं को शिकार बनाते हैं। गेमिंग डिसआर्डर के चलते बच्चे ऑनलाइन गेमिंग में पैसा लगा देते हैं, कर्ज ले लेते हैं और इन सबसे परेशान होकर कई लोग,बच्चे आत्महत्या तक कर लेते हैं। माता-पिता भी सोशल मीडिया के बारे में ज्यादा जागरूक नहीं होते हैं।

विद्यार्थियों के प्रश्नों का समाधान डॉक्टर कपूर द्वारा सहजता से किया गया। कार्यशाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दो छात्रों क्रमशः उपासना पारगी एवं आर्यन को डॉ. कपूर ने प्रमाण-पत्र व गोल्डन बैज प्रदान कर सम्मानित किया। साथ ही कक्षा 10वीं, 11वीं, 12वीं के 8 अन्य विद्यार्थियों को बैजेस प्रदान कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य श्री सेठ द्वारा स्मृति चिन्ह, अनुशंसा पत्र और पुस्तक डॉ. कपूर को भेंट किया गया। मंच संचालन विद्यालय शिक्षिका कविता जड़िया ने किया।

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