धर्म-अध्यात्म

नर्मदा के नाभि तीर्थ स्थल नेमावर में लाखों श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान

– एकादशी से भक्तों का होने लगा था आगमन, पूजन-अर्चन के साथ किया पितरों का तर्पण

नेमावर (संतोष शर्मा)। चैत्र अमावस्या पर्व स्नान हेतु नर्मदा के नाभि तीर्थ स्थल नेमावर में दूर-दराज ग्रामीण अंचलों से बड़ी संख्या में जन सैलाब उमड़ा। भक्तों का स्नान हेतु आगमन अमावस्या तिथि के पूर्व एकादशी से आरंभ होकर मुख्य स्नान अमावस्या तक अनवरत जारी रहा।

इन पांच दिनों में करीब पांच लाख भक्तों ने अलग-अलग दिनों में स्नान कर अपने पितरों का तर्पण किया। अपने साथ लाए कुल देवताओं, नाग देवता, देवियों सहित देवात्माओं की चौकियां, वस्त्रों का शुद्धिकरण कर पुनः कुल मंदिरों में स्थापित किया। इसी के साथ 9 अप्रैल से आरंभ होने वाले नवरात्रि के घट स्थापना हेतु नर्मदा का पवित्र जल लेकर घरों में मां की घट स्थापना करेंगे।

इस बार अमावस्या पर्व विशेष दिन सोमवार को पड़ने के कारण व सोमपर्व के विशेष संयोग के कारण अति महत्व पूर्ण तिथि बन जाने से स्नान हेतु रविवार की संध्या से ही हजारों की संख्या में भक्तों का सैलाब नर्मदा तट पर एकत्र होना आरंभ हो गया था। हजारों भक्तों ने मां के पवित्र जल में दीपदान किया। नर्मदा की पवित्र जलधार में देव आत्माओं को आमंत्रित कर अपने दुख-दर्द का निवारण के उपाय कराए। सनातन हिंदू नव वर्ष के शुभ मंगल की देवात्माओं से कामनाएं कीं।

इस अवसर पर प्रशासन के विशेष निर्देशन में घाटों पर स्नान के दौरान सारे इंतजाम आमजन की सुरक्षा हेतु किए गए थे। मेले के मुख्य स्नान वाले घाटों पर पुलिस बल तैनात कर रखा था, वही स्थानीय नगर परिषद के अध्यक्ष कृष्ण गोपाल अग्रवाल, सीएमओ बलिराम मंडलोई के निर्देशन में घाटों पर साफ-सफाई की सतत व्यवस्थाएं की जाती रही। इसी के साथ मेला क्षेत्र में पेयजल की समुचित व्यवस्थाएं भी की गईं।

नर्मदा के मुख्य सिद्धनाथ घाट के साथ पुराने नाव घाट, पड़ियाड़ घाट, बामन घाट, इमली घाट तथा नर्मदा जामनेर संगम स्थल मेल घाट पर भी स्नान का दौर चलता रहा। भक्तों ने स्नान के पश्चात बाबा सिद्धनाथ की नियमित होने वाली भस्म आरती में बाबा के भस्म आरती दर्शन कर जलाभिषेक किया।

इस अवसर पर नर्मदा तट पर निरंतर चलने वाला भंडारा, जो क्षेत्रीय विधायक आशीष शर्मा के सानिध्य में विगत 7 वर्षों से चल रहा है, उक्त भंडारे में हजारों भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की। सोमवती अमावस्या का स्नान का दौर सोमवार प्रातः 4 बजे से आरंभ होकर देर रात तक अनवरत चलता रहा। इस पांच दिवसीय मेले में एकादशी तिथि से अमावस्या पर्व तक करीब पांच लाख भक्तों ने पवित्र स्नान का पुण्य फल प्राप्त किया।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button