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जम्मू-कश्मीर में गैर भाजपा दलों की बैठक, जल्द चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग से मिलने का फैसला

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अब्दुल्ला के आवास पर तीन घंटे तक चली बैठक में यह फैसला किया गया कि दिल्ली में विपक्षी दलों के राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात कर केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र बहाली में उनसे सहयोग मांगी जाएगी।

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को करीब एक दर्जन पार्टियों के नेताओं के साथ केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव व अन्य मांगों को लेकर बैठक की।
बैठक में केंद्र शासित प्रदेश में यथाशीघ्र विधानसभा चुनाव कराने की मांग को लेकर दिल्ली में निर्वाचन आयोग से मुलाकात करने और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग तेज करने का फैसला किया गया।
अब्दुल्ला के आवास पर तीन घंटे तक चली बैठक में यह फैसला किया गया कि दिल्ली में विपक्षी दलों के राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात कर केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र बहाली में उनसे सहयोग मांगी जाएगी।

अब्दुल्ला ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मौजूदा समय में उत्पन्न परिस्थितियों, जनता में आक्रोश और भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई थी। सभी नेताओं ने अपने-अपने विचार रखे और आम सहमति से फैसला किया गया कि हम दिल्ली जाएंगे और राष्ट्रीय नेताओं को जनता द्वारा सामना किए जा रहे मुद्दों से अवगत कराएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें स्थिति की जानकारी देंगे और जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा और लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार बहाल करने में सहयोग की मांग करेंगे। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कहते हैं कि यहां शांति है, अगर यह सच है तो वे क्यों नहीं विधानसभा चुनाव करा रहे हैं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जम्मू-कश्मीर में पिछला चुनाव वर्ष 2014 में हुआ था। उच्चतम न्यायालय का निर्णय है कि निर्वाचित सरकार को बर्खास्त करने के छह महीने के भीतर चुनाव कराए जाने चाहिए। जनता यहां लोकप्रिय सरकार की वापसी चाहती है।’’
केंद्र शासित प्रदेश में अतिक्रमण विरोधी अभियान और संपत्ति कर लगाने के फैसलों का संदर्भ देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में असमान्य परिस्थिति उत्पन्न हो गई है, जहां पर उप राज्यपाल प्रशासन रात को आदेश पारित करता है और सुबह उसे लागू किया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम लोकप्रिय सरकार और राज्य का दर्जा चाहते हैं। खंडित राज्य का दर्जा नहीं बल्कि अन्य राज्यों की तरह अधिकार संपन्न शक्तिशाली राज्य चाहिए। देश के इतिहास में पहली बार हुआ है जब राज्य का दर्जा कम कर उसे केंद्र शाासित प्रदेश बना दिया गया है। यह देश के लिए त्रासदी है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह दिल्ली में प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात करेंगे तो उन्होंने कहा कि इसपर बाद में फैसला किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और उनकी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी को आमंत्रित करने के सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा कि ‘‘ दरवाजें सभी के लिए खुले हैं।’’

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम वाई तारिगामी ने कहा कि बैठक का संदेश था कि जनता एकजुट है और वह पीछे नहीं हटेगी।
इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल वानी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम वाई तारिगामी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता अमरीक सिंह रीन, नेशनल पैंथर्स पार्टी नेता हर्ष देव सिंह, आम आदमी पार्टी (आप) नेता और जिला विकास परिषद सदस्य टीएस टोनी, डोगरा सदन सभा अध्यक्ष गुलचैन सिंह चरक, शिवसेना (उद्धव ठाकरे बालासाहेब) नेता मनीष साहनी और मिशन स्टेडहुड अध्यक्ष सुनील डिम्पल अन्य नेताओं में शामिल हैं।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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