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वर्धा. नाबालिग को भगाकर ले जाने पर अत्याचार कर गर्भवती किया़ इस प्रकरण के आरोपी को जुर्माना व उम्रकैद की सजा सुनाई गई़ उक्त निर्णय विशेष जिला न्यायाधीश वी़ टी़ सूर्यवंशी ने दिया़ साथ ही जिला विधि सेवा प्राधिकरण को पीड़िता को मनोधैर्य योजना के अंतर्गत पुनर्वसन के लिये नुकसान भरपाई देने की बात आदेश में कही गई़ सजा सुनाये गये आरोपी का नाम सचिन विठ्ठल मोरे (35) बताया गया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार कक्षा 11वीं में अध्ययनरत पीड़िता आरोपी सचिन मोरे के आटो से आवागमन करती थी़ पीड़िता के माता-पिता खेतीहर मजदूर है़ं एक दिन माता-पिता खेत से घर लौटे़ उस समय पीड़िता घर नहीं लौटी थी़ बेटे से पूछने पर वह सहेली के यहां जाने की बात कहकर गई.
सहेली के घर जाकर देखने पर पीड़िता वहां भी नहीं थी़ आखिरकार, माता-पिता ने 28 फरवरी 2019 सेलू थाने में पहुंचकर शिकायत दर्ज करायी़ जांच में सामने आया कि, पीड़िता आरोपी के आटो से जाती थी़ ऐसे में उनकी पहचान हुई़ आरोपी विवाहित होते हुए भी उसने पीड़िता को अपने झांसे में लिया़ उसे विवाह का झांसा देकर बार-बार यौन शोषण किया़ घटना के दिन 27 फरवरी 2019 को आरोपी पीड़िता को ट्रैवल्स से नागपुर ले गया़ जहां से दोनों शेगांव व शिर्डी भी पहुंचे़ करीब दस दिन दोनों साथ में रहे़ इस दौरान भी उसने पीड़िता का यौन शोषण किया़ मामला दर्ज होने के बाद 25 मार्च 2019 पुलिस ने आरोपी सचिन मोरे को हिरासत में लिया.
14 गवाहों के बयान दर्ज
तत्कालीन पुलिस उपनिरीक्षक सौरभ दरडे ने जांच पड़ताल के बाद प्रकरण न्यायप्रविष्ट किया गया़ इसमें सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील विनय आर घुडे ने काम संभाला़ उन्हें पैरवी अधिकारी संजय चावके ने मदद की.
सरकार की ओर से करीब 14 गवाहों के बयान दर्ज किये गये़ इनमें से पहले छह गवाह जिला सरकारी वकील गिरीष तकवाले ने जांचे़ शेष गवाहों को एड. विनय आर घुडे ने दर्ज किए. प्रकरण में पीड़िता, उसके पिता, वैद्यकीय अधिकारी, सहा़ रासायनिक विश्लेषक अधिकारी व अन्य गवाहों के बयान अहम रहे़ दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश वी़ टी़ सूर्यवंशी ने उपरोक्त सजा सुनाई.
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