इफ्को ने केवीके देवास में आयोजित किया तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण भ्रमण कार्यक्रम

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देवास। विश्व की सबसे बड़ी उर्वरक निर्माता सहकारी संस्था इफ्को (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव) ने कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) बालगढ़, देवास में तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों से परिचित कराना और कृषि उत्पादन में सुधार लाना था।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उज्जैन, शाजापुर, हरदा और देवास जिलों के विभिन्न विकासखंडों से आए 50 उन्नतशील कृषकों ने भाग लिया। किसानों को नई तकनीकों की जानकारी दी गई और उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और वक्ता- कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. ए.के. बडाया, प्रधान वैज्ञानिक एवं केवीके प्रभारी, ने की। मुख्य अतिथि गोपेश पाठक, उप संचालक कृषि, देवास थे, जबकि विशेष अतिथि के रूप में डॉ. डीके सोलंकी, राज्य विपणन प्रबंधक, इफ्को भोपाल उपस्थित रहे।

गोपेश पाठक ने अपने संबोधन में किसानों को कृषि में अपनाई जा रही गलत पद्धतियों को छोड़कर वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की सलाह दी। उन्होंने कहा सही बीज दर का उपयोग करें। नरवाई (फसल अवशेष) जलाना बंद करें। रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग न करें। फसल विविधिकरण को अपनाएं। जैव उर्वरकों का अधिकतम उपयोग करें।

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नैनो उर्वरक की एक बोतल खाद की एक बोरी के बराबर- डॉ. डीके सोलंकी ने बताया कि नैनो उर्वरक के उपयोग से किसानों की उत्पादन लागत कम हो सकती है और मिट्टी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नैनो उर्वरक नैनो टेक्नोलॉजी पर आधारित ऐसा उत्पाद है, जिसकी एक बोतल एक बोरी खाद के बराबर कार्य करती है। इसका उपयोग न केवल उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण को भी कम करता है। साथ ही, यह भारत सरकार की उर्वरक सब्सिडी में भारी बचत करता है।

कृषि वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण- कार्यक्रम में डॉ. एके बडाया ने जैविक उत्पादों के उपयोग से रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने और उत्पादन बढ़ाने के तरीके बताए। उन्होंने किसानों के कृषि संबंधी प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी समस्याओं का समाधान किया।

डॉ. महेंद्र सिंह ने समन्वित रोग प्रबंधन (Integrated Pest Management) पर विस्तृत जानकारी दी।

नीरजा पटेल, कृषि वैज्ञानिक ने मृदा परीक्षण और मृदा स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण दिया।

राजेश पाटीदार, क्षेत्रीय अधिकारी, इफ्को देवास ने इफ्को के विशिष्ट उत्पादों की जानकारी प्रदान की।

प्रदर्शनी और गतिविधियां- कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को कृषि विज्ञान केंद्र में चल रही विभिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन दिखाया गया, जिसमें शामिल थे:
– मशरूम उत्पादन इकाई
– केंचुआ खाद उत्पादन इकाई
– संरक्षित खेती
– पशुपालन
– फसलों की विभिन्न प्रजातियों के प्रदर्शन।

आधुनिक कृषि तकनीकों को समझा- इस प्रकार, तीन दिवसीय यह कार्यक्रम किसानों के लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ। प्रतिभागियों ने न केवल आधुनिक कृषि तकनीकों को समझा, बल्कि अपने अनुभव साझा करते हुए ज्ञान का आदान-प्रदान भी किया।

इस प्रकार के आयोजनों से बढ़ेगी उत्पादकता- गुरु गंगदास फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के चेयरमैन जगपालसिंह सिकरवार ने बताया, कि इस प्रकार के आयोजनों से न केवल किसानों की उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में प्रोत्साहन भी मिलेगा। किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर होना चाहिए, यह समय की मांग भी है।

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