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- चना खरीदी तुरंत शुरू करने की किसानों की मांग
अकोला. सन 2022-23 में सरकार द्वारा गारंटी दामों में चना खरीदी के लिए ऑनलाइन पंजियन शुरू किया गया है. करीब एक सप्ताह से पंजियन शुरू है. नाफेड द्वारा किसानों का चना खरीदी करने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की गयी है. नाफेड का डीएमओ कार्यालय द्वारा इस प्रक्रिया में गति लाई जा रही है. पहले जिले में 6 खरीदी केंद्रों पर पंजियन शुरू था अब चार केंद्र और शुरू किए गए हैं इस तरह अब 10 केंद्रों पर चना खरीदी के लिए पंजियन शुरू हो गया है जिसके कारण किसान राहत महसूस कर रहे हैं. यह प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू है. नाफेड द्वारा खरीदी प्रक्रिया का पंजियन शुरू होने के कारण किसानों ने निजी स्तर पर चने की बिक्री बंद कर दी है. 24 फरवरी से चना खरीदी के लिए ऑनलाइन पंजियन के सरकार द्वारा आदेश आ गए थे लेकिन तकनीकी कारणों से यह प्रक्रिया कुछ दिन देरी से शुरू हुई है. बुधवार से थार, विवरा, बेलखेड़ और अंदुरा में चार केंद्र शुरू किए गए हैं. इस तरह अब 10 केंद्रों पर चना खरीदी के लिए किसान पंजियन करा रहे हैं. इस बार बहुत अधिक बारिश होने तथा वापसी की बारिश के कारण खरीफ फसलों का भारी नुकसान हुआ था और उत्पादन काफी घट जाने से किसान वर्ग आर्थिक संकट में पड़ गया है. लेकिन अधिक बारिश होने से इस बार जमीन में काफी गहराई तक नमी रहने से रबी की फसलों के लिए पोषक वातावरण बन गया था. इसी तरह सभी जल प्रकल्पों में भी भरपूर पानी जमा हो गया था और जमीनी जलस्तर भी काफी अच्छा रहा जिसके कारण रबी की फसलों का बुआई का क्षेत्र भी बढ़ गया है और चने की भी बुआई काफी क्षेत्र में की गयी है. जानकारी के अनुसार करीब 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में चने की बुआई की गयी थी. लेकिन निजी बाजार में किसानों को चने के जितने दाम मिलने चाहिए थे नहीं मिल रहे थे. इसी कारण किसान सरकार से मांग कर रहे थे कि गारंटी दामों में चने की खरीदी की जाए.
बड़ी संख्या में किसानों ने किया
आनलाइन पंजियन
जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा गारंटी दामों में नाफेड के डीएमओ कार्यालय द्वारा शुरूवात में शुरू किए गए 6 केंद्रों पर करीब 6 हजार 250 से अधिक किसानों ने बुधवार तक आनलाइन पंजियन किया है. अब तो नाफेड के 10 केंद्रों पर किसानों द्वारा चना खरीदी के लिए लगतार पंजियन शुरू है. किसानों का कहना है कि सरकार ने ऑनलाइन पंजियन के साथ साथ प्रत्यक्ष चने की खरीदी भी शुरू करनी चाहिए. यह मांग सरकार द्वारा की जा रही है. किसानों का कहना है कि खरीदी में देर होने के कारण किसानों को मजबूरी में निजी व्यापारियों को चना बेचना पड़ सकता है. यदि ऐसा होता है तो किसानों का काफी नुकसान होगा इसलिए किसानों ने नाफेड़ से मांग की है कि चने की खरीदी तुरंत शुरू की जाए.
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समाचार दिनेश कुमार शुक्ल द्वारा
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