Maharashtra Budget 2023 | छत्रपति संभाजीनगर के जनप्रतिनिधियों ने बजट पर दी मिलीजुली प्रतिक्रिया, सत्ताधारियों ने बताया बेहतर; विरोधियों ने कही ये बात

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छत्रपति संभाजीनगर : राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) द्वारा विधानसभा के जारी अधिवेशन में नए आर्थिक वर्ष को लेकर पेश किए गए बजट (Budget) को जहां सत्ताधारियों (Rulers) ने स्वागत कर सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस द्वारा लिए निर्णयों को सराहा। वहीं, विरोधी दलों के जनप्रतिनिधियों (People’s Representatives) ने राज्य सरकार द्वारा पेश किए बजट को सिर्फ घोषणाओं की बारिश होने का आरोप लगाया। 

सभी घटकों को समान न्याय देने वाला है बजट 

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने अपनी प्रतिक्रिया में महाराष्ट्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर कहा कि यह बजट सभी घटकों को समान न्याय देने वाला है। विशेषकर, मराठवाड़ा और संभाजीनगर के विकास के लिए बजट में बड़े पैमाने पर निधि का प्रावधान किया गया है। जिसमें प्रमुख रुप से वॉटर ग्रीड, नाथ जलाशय की फ्लोटिंग सोलार, संभाजीनगर में हवाई अडडा विस्तारीकरण के लिए 734 करोड़ रुपए निधि की घोषणा शामिल है। डॉ. कराड ने बताया कि गत कई सालों से चर्चित मराठवाड़ा वॉटर ग्रीड का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास मान्यता के लिए भेजा हुआ है। संंभाजीनगर जिले के गंगापुर,वैजापुर, पैठण तहसील को जायकवाडी बांध से वॉटर ग्रीड द्वारा पानी मिलेगा। डॉ. कराड ने बताया कि उन्होंने राज्य के डिप्टी सीएम से शहर के चिकलथाना हवाई अड्डा विस्तारीकरण के लिए 148 एकड़ जमीन भूसंपादित करने के लिए 800 करोड़ का निधि उपलब्ध कराने की मांग की थी। मेरे द्वारा की गई मांग को राज्य सरकार ने गंभीरता से लेकर 734 करोड़ रुपए का प्रावधान किए जाने पर डॉ. कराड ने खुशी जाहिर करते हुए शिंदे-फडणवीस सरकार का आभार माना। 

डॉ. आंबेडकर द्वारा शुरु किए गए शिक्षा संस्था को नहीं मिला निधि 

जिले के एमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकर ने सरकार ने कई शैक्षणिक संस्थाओंं को निधि देने की घोषणा की परंतु दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के साथ भेदभाव की नीति सरकार ने अपनाते हुए निधि का प्रावधान नहीं कियाा। औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहाब आंबेडकर ने पीपल्स एज्युकेशन संस्था की स्थापना की थी। राज्य सरकार ने बजट में इस शिक्षा संस्था के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के उन्नति के लिए भी बजट में प्रावधान करना चाहिए था। सांसद जलील ने राज्य में स्मारकों के लिए 1 हजार करोड रुपए का प्रावधान किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह रकम ग्रामीण परिसर के स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए खर्च करनी चाहिए थी। राज्य के 5 शहरों में मेट्रो रेल प्रकल्प चलाने के लिए 39 हजार करोड रुपए का प्रावधान किया गया है। उसके बजाए राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के रास्तों की हालत दयनीय है। उन रास्तों को बेहतर बनाने के लिए यह रकम खर्च करनी चाहिए थी। उसका सीधा फायदा किसानों को होता। सांसद जलील ने शहर से सटे करोड़ी में क्रीडा विश्वविद्यालय के निर्माण और औरंगाबाद हवाई अड्डा विस्तारीकरण के लिए बजट में विशेष रकम का प्रावधान करने पर सरकार का आभार माना। 

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जुमलेबाजी वाला है बजट 

उधर, राज्य विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में किसानों को किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है। जिस समय राज्य के अर्थमंत्री अजीत पवार थे, उस समय जो योजनाएं घोषित की गई थी, उन्हीं योजनाओं की घोषणा बड़ी संख्या में की गई है। विशेषकर, बजट में जातिवाद को बढ़ाने का प्रयास अलग-अलग घोषणाओं के माध्यम से किए जाने का आरोप विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता और औरंगाबाद-जालना स्थानीय निर्वाचन क्षेत्र के विधायक अंबादास दानवे ने यहां लगाया। यह बजट पूरी तरह जुमलेबाजी वाला बजट है। महिलाओं और किसानों को न्याय देने से वंचित रखा गया। रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को लेकर बजट में किसी प्रकार की कोई निर्णय न होने का आरोप दानवे ने लगाया। 

चुनाव को सामने रखकर पेश किया गया बजट 

उधर, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव डॉ. जितेंद्र देहाडे ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि चुनाव को सामने रखकर राज्य सरकार ने गुरुवार को बजट पेश किया है। बजट में आम आदमी को राहत देने वाले कोई निर्णय नहीं लिए गए है। मूलभूत प्रशनों पर इसमें किसी प्रकार प्रावधान नहीं किया गया है।  एक तरफ आम आदमी आए दिन बढ़ती महंगाई से त्रस्त है, वहीं दूसरी तरफ बेरोजगारों की संख्या में बड़ी संख्या में इजाफा होकर युवाओं के हाथ को काम नहीं है। ऐसी स्थिति में सिर्फ घोषणाओं की बारिश बरसा कर आम जनता को बेवकूफ बनाने का काम शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा किए जाने का आरोप डॉ. जितेंद्र देहाडे ने लगाया। 

बजट में घोषणाओं की हुई बारिश 

मराठवाड़ा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधायक सतीश चव्हाण ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य के आर्थिक स्थित ऑल इज वल नहीं है। आवाहानों का पहाड़ खड़ा हुआ है, यह बात हाल ही में किए गए आर्थिक देख रेख रिपोर्ट से सामने आयी है। गुरुवार को पेश किए बजट में राज्य का इनकम कितना और खर्च कितना होगा, इसका कोई तालमेल न रखते हुए घोषणाओं की बारिश की गई। आम आदमी, किसान, नौकर पेशा वर्ग, उद्यमि, बेरोजगार, छात्र, महिलाएं आदि को इस बजट से निराश हाथ लगने का आरोप विधायक सतीश चव्हाण ने लगाया। 

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आंकड़े बढ़ाकर पेश किया गया बजट 

जिले के पूर्व सांसद और उद्धव शिवसेना की वरिष्ठ नेता चंद्रकांत खैरे ने राज्य सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार ने पुरानी योजनाओं को नए से पेश किया है। सिर्फ आंकड़े बढ़ाकर बजट पेश किया गया है। किसान के माल को दाम नहीं है। परंतु 6 हजार रुपए देने की घोषणा किसानों को फंसाने वाली है। स्थानीय निकाय के चुनावों के अलावा लोकसभा और विधानसभा चुनाव को सामने रखकर बजट में घोषणाओं की बारिश बरसाने का आरोप चंद्रकांत खैरे ने लगाया। 

किसानों को आम आदमी को राहत देने वाला बजट 

मराठवाड़ा एसोसिएशन ऑफ स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर मसिआ के अध्यक्ष किरण जगताप ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शिंदे-फडणवीस सरकार ने बजट में कृषि, किसान, जलयुक्त शिवार, महिला कल्याण, वरिष्ठ नागरिक, आदिवासी अल्पसंख्यक, असंगठित कामगार और कौशल विकास इन सभी महत्वपूर्ण विषयों को बजट में शामिल किया है। जिसका फायदा समाज के सभी वर्गों को होगा। लॉजिस्टिक पार्क, स्टार्ट ऐप्स के लिए प्रशिक्षण और संशोधन संस्था की स्थापना, उद्योगोंं के लिए जरुरी मनुष्यबल के लिए 10 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करना, शहर में हवाई अड्डा का विस्तार आदि घोषणाओं  का किरण जगताप ने स्वागत किया है।



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