Ajit Parse | पारसे : रिकॉर्ड पेश करने मांगा समय, हाई कोर्ट ने सरकार को दिया केवल एक सप्ताह

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पारसे : रिकॉर्ड पेश करने मांगा समय, हाई कोर्ट ने सरकार को दिया केवल एक सप्ताह

नागपुर. होमियोपैथी कॉलेज और यश ग्लोबल ट्रेड लिंक शुरू करने में सरकार की मंजूरी दिलाने के नाम पर ठगी किए जाने के बाद राजेश मुरकुटे ने  कोतवाली पुलिस थाना में 11 अक्टूबर 2022 को अजीत पारसे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. धोखाधड़ी को लेकर शिकायत दर्ज किए जाने के बाद भी पुलिस ने उसे अब तक गिरफ्तार नहीं किया. अब गिरफ्तारी से बचने के लिए पारसे ने हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की है. याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय प्रदान करने का अनुरोध किया जिसके बाद अदालत ने सरकार को एक सप्ताह का समय प्रदान किया. उल्लेखनीय है कि गत समय अदालत ने पारसे का स्वास्थ्य सामान्य हो तो अस्पताल में ही पूछताछ करने तथा इसका वीडियो बनाने के आदेश जांच अधिकारी को दिए थे.

जांच में सहयोग नहीं कर रहा 

जांच अधिकारी ने बताया कि पारसे को प्रश्नों की सूची दी गई थी जिसके जवाब दिए जाने थे. उसने जवाब तो दिए किंतु सभी अस्पष्ट हैं. यहां तक कि पारसे जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. गत समय भी जांच अधिकारी ने बताया था कि वह ट्रीट-मी अस्पताल गए थे लेकिन पारसे सहयोग नहीं कर रहा है. हालांकि उसे केवल पैर और पेट में दर्द है. इसके बाद भी किए जा रहे सवालों का जवाब नहीं दे रहा है. जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत की गई वास्तविकता के बाद अदालत ने सवालों की सूची तैयार कर याचिकाकर्ता को देने के आदेश दिए. सवालों की सूची मिलने के बाद अगली सुनवाई को इसके जवाब दायर करने के आदेश पारसे को दिए. अदालत ने आदेश में कहा कि सवालों की सूची या तो याचिकाकर्ता या फिर उसके वकील को दी जाए. 

कार्यालय से कई दस्तावेज जब्त

अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया था कि ऑरेंज सिटी अस्पताल का जो भी नियंत्रण अधिकारी है, वह पारसे को सवालों की सूची उपलब्ध कराने के लिए जांच अधिकारी को अनुमति दे. यदि याचिकाकर्ता की स्थिति सामान्य हो तो इलाज कर रहे डॉक्टर संबंधित जांच अधिकारी को अस्पताल में ही पूछताछ करने की भी अनुमति दें. आदेश में अदालत ने कहा था कि हलफनामा में इलाज की विस्तृत और बारीकियों की जानकारी देनी होगी. साथ ही भविष्य के इलाज के संदर्भ में भी खुलासा करना होगा. जमानत की याचिका का कड़ा विरोध करते हुए सरकार ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद पारसे के कार्यालय की जांच की गई थी जिसमें कई तरह के आपत्तिजनक दस्तावेज प्राप्त हुए हैं. 



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