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- वन अपराध : वन्यजीवों का शिकार कर आरोपियों के कमाए रुपए, हो रहे कई खुलासे
देवरी. वन विभाग द्वारा 26 फरवरी को गिरफ्तार किए गए 5 आरोपियों ने खुलासा किया है कि इन्होंने भालू, तेंदुआ आदि वन्यजीवों के अलावा एक दुर्लभ काले तेंदुए का भी शिकार किया था. आरोपी श्यामलाल मड़ावी, दिवारू कोल्हारे व अशोक गोटे इन तीन आरोपियों को न्यायालय ने 15 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भंडारा जेल भेज दिया है. इनमें से दो मुख्य आरोपी माणिक ताराम व रवींद्र बोडगेवार से गहनता से पूछताछ की जा रही है. व्याघ्र प्रकल्प नवेगांव नागझिरा के वन परिक्षेत्र अधिकारी नरेंद्र सावंत सहित अन्य अधिकारी जांच कर रहे हैं. पांचों आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत वन अपराध दर्ज किया गया.
जांच में प्राप्त जानकारी के आधार पर काले तेंदुए के शिकार से जुड़े सबूत भी जब्त किए गए थे. इस बीच, पुलिस और वन विभाग को संदेह है कि आरोपियों के पास से जब्त की गई नकद शराब की बिक्री से नहीं बल्कि जंगली जानवरों के अंगों की बिक्री से प्राप्त हुई होगी. चिचगड वन विभाग व पुलिस द्वारा देवरी तहसील के पालांदुर में 26 फरवरी छापामार कार्रवाई कर जंगली जानवरों के अंग जब्त किए गए थे. दूसरी तरफ उसी दिन मंगेजरी से चार और आरोपियों को गिरफ्तार करने में वन विभाग को सफल मिली. इनके पास से बड़ी मात्रा में जंगली जानवरों के अंग बरामद हुए हैं. रवीन्द्र लक्ष्मण बोडगेवार के घर की तलाशी के दौरान बाघ के पंजे और दांत और भालू का कलेजा, 21 लाख रुपये नकद और 84 हजार रु. की देसी शराब जब्त की गई थी. उसके बाद मंगेजरी में छापेमारी कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. उसमें शामलाल विक मड़ावी, दिवारु कोल्हारे, माणिक दरसू ताराम, अशोक गोटे सभी मंगेजरी निवासी का समावेश था.
आरोपियों में से एक आत्मसमर्पित नक्सली
पुलिस ने बताया कि आरोपियों में से एक माणिक दरसू ताराम आत्मसमर्पण कर चुका नक्सली है. इन आरोपियों के पास से बाघ या तेंदुए के 2 दांत, 1 नख, भालू के 3 नाखून, 10 जंगली सूअर के दांत, चीतल का 1 सींग, सियार जानवर का कांटा, खल्या बिल्ली की खवले, तार का फंदा, 1 जीवित मोर, मोर पंख के 5 बंडल, जंगली भैंसे का सींग, सूखी हड्डियां, खून पापड़ी (छाल), सूखा मांस बरामद किया गया.
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