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उल्हासनगर : जनमित्र यानी लाइनमैन (Lineman) बहुआयामी व्यक्तित्व वाले होते हैं, जो अपने घर की रोशनी की परवाह किए बिना अपने ग्राहकों के घरों में रोशनी बनाए रखने के लिए लगन से काम करते है। पहले बिजली बोर्ड (Electricity Board) और उसके बाद महावितरण (Mahavitaran) की प्रगति में इन लोगों ने प्रमुख भूमिका निभाई है। ऊक्त उदगार कोंकण क्षेत्रीय प्रभाग के सह-प्रबंध निदेशक चंद्रकांत डांगे (Chandrakant Dange) ने यहां व्यक्त किए। ऊक्त कार्यक्रम के अवसर पर सभी वरिष्ठ अधिकारी मंच पर लाइनमैन के ड्रेस पर पहुंचे। जिससे लाइनमैनो ने खुशी जाहिर की। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार कल्याण परिमंडल कार्यालय के माध्यम से लाइनमैन दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस दौरान डांगे ने ऊक्त बात कही।
मंच पर मुख्य अभियंता धनंजय औंधेकर, अधीक्षण अभियंता दीपक पाटिल और दिलीप भोले प्रमुख रूप से मौजूद थे। डांगे ने कहा कि यह जनमित्र ही हैं जो सुचारू बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए किसी भी प्राकृतिक या मानव निर्मित कठिन परिस्थिति और विशेष रूप से उनके बारे में नकारात्मक वातावरण का सफलतापूर्वक सामना करते है। उन्होंने कहा कि समाज, सरकार और बिजली वितरण कंपनियां हमेशा उनकी ऋणी हैं और इस कर्ज से थोड़ी राहत पाने के लिए ही लाइनमैन दिवस की अवधारणा उभरी है।
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मुख्य अभियंता मार्गदर्शन करते हुए औंधेकर ने महसूस किया कि लाइनमैन दिवस मनाने का क्षण ऐतिहासिक है और इससे लोगों को साल भर और अधिक जोश से काम करने की ऊर्जा मिलेगी। अधीक्षण अभियंता दीपक पाटिल और दिलीप भोले ने भी मार्गदर्शन करते हुए जनमित्र के योगदान की सराहना की।
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