राशन की दुकानों से चावल अधिक मात्रा में मिलने पर गरीब की थाली से गायब हो रही गेहूं की रोटी

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– शिवसेना ने मुख्यमंत्री से की राशन दुकानों पर गेहूं की मात्रा बढ़ाने की मांग
देवास। गेहूं के दाम में तेजी आने के बाद सरकार ने फ्री में बांटने वाले गेहूं पर लगाम लगा दी है। ऐसे में गरीब की थाली से गेहूं की रोटी गायब होने लगी है। उसे मजबूरी में चावल खाकर अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है।

इसी मुद्दे को लेकर शिवसेना जिलाध्यक्ष सुनील वर्मा ने जिला आपूर्ति अधिकारी शालू वर्मा से मुलाकात करते हुए मुख्यमंत्री के नाम आवेदन सौंपा। वर्मा ने बताया कि जब से शासकीय राशन दुकानों पर गेहूं कम और चावल ज्यादा मात्रा में दिया जाने लगा, तब से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोग बाजार में चावल बेचकर गेहूं खरीदकर परिवार का पालन-पोषण करने लगे हैं। ऐसे में अब गरीबों के सामने बाजार से मंहगे दाम पर गेहूं खरीदकर खाना परेशानी बना हुआ है। ऐसे में सरकार की निशुल्क खाद्यान वितरण (अन्नपूर्णा योजना) गरीब परिवारों को सहारा नहीं दे पा रही है। गेहूं के स्थान पर गरीब परिवारों को चावल का वितरण किया जा रहा है, जो परिवारों के लिए आर्थिक समस्या पैदा कर रहा है।
इस संबंध में शिवसेना जिलाध्यक्ष वर्मा ने जब गरीब परिवारों से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि गेहूं के स्थान पर चावल मिल रहा है। कई बार इस संबंध में उपभोक्ता भंडार के सेल्समैन से गेहूं देने को कहा भी, लेकिन उन्होंने कहा कि गेहूं का आवंटन नहीं होने से चावल दिया जा रहा है। ऐसे में हमारे सामने दिक्कत खड़ी होने लगी है। लोगों का कहना है कि प्रति सदस्य को 5 किलो गेहूं मिलने से हमें पूरे महीने भर का राशन उपलब्ध हो जाता था और हमें बाजार में खरीदने नहीं जाना पड़ता था, लेकिन अब गेहूं खरीदने के लिए अलग से पैसे का इंतजाम करना पड़ रहा है, जो हमारे लिए गंभीर आर्थिक समस्या बनी हुई है। श्री वर्मा ने मप्र शासन से मांग की है कि राशन वितरण के दौरान पहले की तरह पुन: पर्याप्त मात्रा में गेहूं दिया जाए, जिससे गरीब परिवार को दो वक्त की रोटी समय पर मिल सके। इस दौरान ग्रामीण जिला उपाध्यक्ष लाखन टीपानिया, शहर अध्यक्ष नीतिन पटेल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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