रेत के शिवलिंग बनाकर किया पूजन, भजन गाते हुए रात्रि में किया जागरण
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। क्षेत्र की महिलाओं ने पति की लंबी उम्र की कामना एवं युवतियों ने मनचाहे वर के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखा। निर्जल व्रत रखकर भगवान शंकर व मां पार्वती की पूजा-अर्चना। रात्रि में जागरण कर भजन-कीर्तन किए।
व्रत को लेकर गांव में दिनभर उत्साह का वातावरण रहा। कई स्थानों पर अलग-अलग समूह में महिलाओं ने कथा श्रवण के साथ पूजन किया और रात में जागकर भगवान शंकर व मां पार्वती को प्रसन्न करने के जतन किए। पं. गोवर्धन बैरागी ने बताया कि सतयुग में पार्वतीजी ने भगवान शंकर को पति के रूप में अगले जन्म में पाने के लिए वन में रहकर यह कठिन तपस्या की थी। तपस्या के फलस्वरूप भगवान शंकर वर के रुप में अगले जन्म में मिले, तभी से हरतालिका तीज उपवास की परंपरा चली आ रही है।
स्थानीय राधाकृष्ण मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर में रात्रि 9 बजे से सुबह 4 बजे तक भजन-कीर्तन के साथ पूजा-अर्चना की गई। मंदिर में रेत के शिवलिंग बनाकर मां पार्वती एवं गणपति, कार्तिक सहित पूरे शिव परिवार की पूजा की गई। व्रतधारी महिलाओं द्वारा अनेक प्रकार की वनस्पतियों के पत्ते एवं भगवान शंकर को प्रिय पुष्प एवं फल चढ़ाकर इस उपवास को धारण करते हुए भगवान से कामना की गई। बेहरी की सुनीताबाई, संगीताबाई, गीताबाई, मायाबाई, रेखाबाई, आरती, नेहा गोस्वामी, रानी पाटीदार, जसोदाबाई दांगी, कमलाबाई दांगी, मंजू आदि ने व्रत रखकर पूजा की।
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