हुनर हो तो हर राह है आसान, केले के रेशे से निर्मित की ईको फ्रेंडली राखियां

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Rakhi
बुरहानपुर। यदि अच्छा हुनर हो तो हर राह आसान सी लगती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, स्व सहायता समूह की दीदीयों ने। बुरहानपुर जिले की महिलाएं आजीविका मिशन से जुड़कर केले के रेशे से राखियां बना रही है।

यह पर्यावरण संरक्षण की ओर एक सकारात्मक कदम है। पर्यावरण हितैषी है ये राखियां। राखी का त्यौहार आगामी 19 अगस्त को मनाया जायेगा। केले के रेशे से निर्मित ये राखियां पर्यावरण हितैषी होने के साथ-साथ सुंदर, आकर्षक और किफायती भी है।

आजीविका मिशन की स्व सहायता समूह की दीदीयां ईको फ्रेंडली राखियां बना रही है। रोजगार मिलने से मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले की महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। आजीविका मिशन द्वारा महिलाओं को केले के रेशे से उत्पाद बनाने के लिए पूर्णतः प्रशिक्षित किया गया है।

इन ईको फ्रेंडली राखियों की बाजार में अच्छी खासी डिमांड बढ़ रही है। इससे महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।

संयुक्त जिला कार्यालय, नगर निगम कार्यालय और जनपद पंचायत कार्यालय बुरहानपुर में राखियों के स्टॉल लगाये जा रहे हैं, ताकि कार्यालयों में आने वाले आम नागरिक राखी क्रय कर सकें।

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