संत-महात्माओं के सानिध्य में 29 जोड़े यजमानों ने दीप प्रज्वलित कर महाआरती की
देवास। मां चामुंडा की पावन नगरी में साकेतवासी महामंडलेश्वर गरुड़ दासजी महाराज के शिष्य कृष्ण गोपालदास महाराज पंचमुखी धाम आगरोद, दामोदरानंद महाराज, मनमोहनदासजी भिंड, भरतदास महाराज बालाजी धाम रुणिजा के सानिध्य में मालीपुरा स्थित ज्योतिबा फुले चौराहे के पास 11 कुंडीय श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ का दिव्य आयोजन हो रहा है।
काशी के विद्वान आचार्य पं. पुष्कर पांडे एवं सहयोगी आचार्य द्वारा यज्ञ संपादित हो रहा है। रविवार को सुखराम दासजी महाराज ने अपने आशीर्वचन देते हुए कहा, कि क्या कहें कुछ कहा ना जाता, हम यही कहेंगे आप लोग कर्मकांड कीजिएं आनंद से आपको पुण्य फलित होता रहेगा। यज्ञ हम सभी के लिए है। भगवान सभी के हैं, इसलिए सभी धर्मप्रेमी यज्ञ मंडप में हो रही भगवान श्रीलक्ष्मी नारायण की महाआरती में शामिल होकर धर्म लाभ लें। पंचमुखी धाम आगरोद के महंत कृष्ण गोपाल दास महाराज ने यज्ञ हवन के बाद हनुमान चालीसा पाठ किया।
यज्ञ हवन के साथ ही संत-महात्माओं सहित सैकड़ों धर्मप्रेमियों ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा की। 29 जोड़ों ने यज्ञ मंडप में दीप प्रज्ज्वलित कर देवताओं का आह्वान किया। 29 जोड़ों यजमानों द्वारा एक साथ दीप प्रज्वलित करने से यज्ञ मंडप जगमगा उठा। यज्ञ मंडप का आभा मंडल धर्ममय हो गया। कृष्ण गोपाल दासजी ने अपने आशीर्वचन में कहा, कि जैसे किसी भी छोटे-छोटे धार्मिक आयोजन में भी यज्ञ हवन ना हो तो उसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है, वैसे ही बिना सद्गुरु की संगति के हमारा जीवन भव से सहज पार नहीं हो सकता। इसलिए सद्गुरु की संगति में रहे व उनके आचरण को अपने जीवन में आत्मसात करें।
शाम 7:30 से 10:30 तक महू के शर्मा बंधुओं द्वारा नानीबाई मायरा की संगीतमयी प्रस्तुति दी गई। आयोजन समिति के वासुदेव परमार, राहुल हारोड़े सहित पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं, धर्मप्रेमियों ने महायज्ञ एवं नानीबाई के मायरे में शामिल होकर धर्म लाभ लिया। यह जानकारी आयोजन समिति के राहुल हरोड़े ने दी।
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