देवास dewas। अमलतास सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने 17 वर्षीय युवक की नाक से ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटाकर एक असाधारण चिकित्सा उपलब्धि हासिल की। यह जटिल ऑपरेशन एंडोस्कोपिक तकनीक की मदद से किया गया, जो पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी रहा।
युवक पिछले कई महीनों से नाक में दर्द, सांस लेने में दिक्कत और बार-बार खून आने की समस्या एवं कम वजन, तेज बुखार से जूझ रहा था। जब उसकी जांच की गई, तो पता चला कि उसकी नाक में एक दुर्लभ प्रकार का जुवेनाइल नेसोफेरींजल एंजियोफाइब्रोमा (जेएनए) ट्यूमर है। यह ट्यूमर (मास) मस्तिष्क एवं गर्दन के निचले हिस्से तक पंहुच गया। जिससे समस्या और बढ़ने लगी।
डॉ. अभय गुप्ता, डॉ. अजय करकरे, डॉ. राजीव गुप्ता, डॉ. अंशुल शर्मा और उनकी टीम ने उच्च तकनीक वाले उपकरण (कोबलेटर) का उपयोग करके ऑपरेशन किया। एंडोस्कोपिक मोडिफाईड डेंकर्स सर्जरी की यह प्रक्रिया मरीज के लिए कम कष्टकारी रही एवं बिना चीरे की रही, जिससे उसके चेहरे पर कोई निशान नहीं हुआ।
डॉक्टर द्वारा बताया गया, कि यह बीमारी बहुत कम पर कम उम्र के युवाओ में होती है, जो की बहुत ही जटिल है, जिसमें खून बहने की समस्या आम होती है। मरीज के परिवार ने डॉक्टरों और अस्पताल की पूरी टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा, कि यह ऑपरेशन उनके बेटे के जीवन का एक नया अध्याय है।
अमलतास अस्पताल के चेयरमैन मयंकसिंह भदौरिया ने कहा, हमारे पास अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ टीम है जो जटिल से जटिल मामलों को भी सफलतापूर्वक संभाल सकती है। यह ऑपरेशन हमारे चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाईयों को दर्शाता है।यह अद्भुत सफलता चिकित्सा जगत में एक प्रेरणा है और अमलतास अस्पताल की उत्कृष्ट सेवाओं को प्रदर्शित करती है।
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