प्रभावित किसानों के धरना प्रदर्शन का 18वां दिन

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– धरना स्थल पर पीड़ा सुनाते हुए किसानों के निकले आंसू
कन्नौद (आशिक माचिया)। इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन, इंदौर बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग, आउटर रिंग रोड इंदौर एवं मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पीथमपुर धार परियोजना में भूमि अधिग्रहण के प्रभावित किसानों का देवास जिले के बिजवाड़ चौराहे चल रहा संयुक्त धरना प्रदर्शन 18वें दिन भी जारी रहा।

शनिवार की क्रमिक भूख हड़ताल कलवार के विक्रम डेचरवाल, गोविंद बारवाल, अशोक टाटू, मुंशी खां, सुंद्रेल के किसान राजाराम जोनवाल, नंदलाल जोनवाल एवं मालजीपुरा के किसान शिव गोठवाल ने रखी। किसान नेता अभिषेक पंचोली ने बताया, कि पूर्व दिवसों की तरह 18वें दिन बागली, खातेगांव, नसरूल्लागंज, कमलापुर क्षेत्र से पीड़ित किसानों के जत्थे आए। पंचोली ने आगे बताया, कि किसानों द्वारा धरना एवं क्रमिक भूख हड़ताल का क्रम स्थानीय लोगों को छोड़कर बाहरी क्षेत्र के किसानो के लिए रोटेशन प्रणाली के तहत संचालित किया जा रहा है। हर दिन अलग अलग क्षेत्र के किसानों के जत्थे धरना स्थल पर आते हैं। दिनभर बैठते हैं तथा रात धरना स्थल पर गुजारते हैं। अन्य किसान भाईयो को भूमि अधिग्रहण के प्रति जागरूक करते हैं।

किसान रवि मीणा ने बताया, कि विभिन्न परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण का शिकार होने वाले किसानों की मानसिक स्थिति खराब हो रही है। किसानों में इस बात की चिंता है, कि परिवार के निर्भर सदस्यों का भरण-पोषण कैसे होगा। भविष्य में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, विवाह कैसे करेंगे। इस वजह से किसान अनिंद्रा, अवसाद का शिकार हो रहे हैं। किसान धरना स्थल पर अपनी आपबीती सुना रहे हैं। धरने पर बैठे किसानों ने अपनी-अपनी नुकसानी की व्यक्तिगत फाइल बना रखी है। इसमें बताया कि कैसे रेल लाइन कृषि भूमि को दो भागो में बांट रही है। जमीन में गढ़ी सिंचाई के लिए पाइप लाइन का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है, सिंचाई कैसे करेंगे। रास्ते के आभाव में खेतों में पहुंचना मुश्किल हो जाएगा तथा कृषि कार्य दुभर हो जाएगा। सभी किसानों ने अपनी अपनी पीड़ा एक-दूसरे को सुनाई। किसान भाइयों के अपनी पीड़ा सुनाते हुए आंखों से आंसू निकाल आए तो दूसरे किसानों ने ढांढस बंधाया।

डेढ़ एकड़ में कैसे होगा गुजरा-
किसान राजाराम जोनवाल का कहना है कि रेल लाइन में मेरी 9 एकड़ जमीन में से साढ़े 7 एकड़ जमीन का कुएं सहित अधिग्रहण किया जा रहा है। मुझे मात्र 30 लाख रुपए मुआवजा राशि के रुप में दिए जा रहे हैं। डेढ़ एकड़ ज़मीन में चार बच्चों का लालन-पालन तथा शादी विवाह करना है। इसके अलावा भी अन्य खर्च जीवन में होते हैं। मैं पूर्ण रूप से बर्बाद हो रहा हूं। विस्थापित हो रहा हूं, सरकार हमारी नहीं सुन रही है।

किसान पिछड़ जाएंगे-
हतनौरी निवासी किसान गोविंद नारायण पंचोली का कहना है कि, जिनकी जमीन हाईवे रेलवे में पूरी अधिग्रहित कर ली गई। उसकी वजह से किसान बहुत पिछड़ जाएगा। रेल लाइन गुजरने के बाद किसानों की हालत खराब हो जाएगी। सभी किसानों ने भी दोहराया मांगे पूरी नहीं होने तक जमीन नहीं छोड़ेंगे। धरना स्थल पर नारायण जोनवाल, कैलाशचंद्र, गजेंद्रसिंह राठौड़, गोपाल टाटू, रणजीत रामचंद्र, कपिल जोनवाल आदि किसान धरने पर लगातार बैठे हैं। यह जानकारी रवि मीणा ने दी।

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