प्राथमिक शिक्षा के दौरान ही शिक्षक अपने आचरण से बच्चों को संस्कारवान बना सकते हैं- सहज सरकार
देवास। देवास ग्रामीण क्षेत्र में संचालित शासकीय माध्यमिक विद्यालय अमरपुरा के प्रधान अध्यापक विक्रमसिंह मालवीय ने जानकारी देते हुए बताया, कि माध्यमिक विद्यालय अमरपुरा के छात्र-छात्राओं का विदाई समारोह विद्यालय में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित कर किया गया।
इसमें कक्षा आठवीं के 18 छात्रों एवं कक्षा पांचवी के 12 छात्र-छात्राओं का विदाई समारोह आयोजित कर छात्र-छात्राओं को शिक्षण सामग्री एवं पढ़ाई हेतु उपयोग में आने वाली किट उपहार स्वरूप भेंट की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बीआरसी देवास किशोर वर्मा, विशेष अतिथि जन शिक्षक वर्षासिंह नेगी, जनशिक्षक सहज सरकार सहित विद्यालय स्टाफ रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ माता सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। बच्चों ने विद्यालय में अध्यापन के दौरान अपने अनुभव को साझा किया। बच्चों द्वारा विद्यालय में अध्यापन के अनुभव को साझा करने के दौरान मुख्य रूप से यह बात साझा की गई, कि वह आगामी समय में अपने गुरुजनों के बताए मार्ग पर चलकर उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त कर अपने जीवन को देश सेवा हेतु समर्पित करेंगे। विद्यालय प्रधान पाठक द्वारा सभी अतिथियों का पुष्पमाला से स्वागत किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि किशोर वर्मा ने संबोधित करते हुए कहा, कि छात्र जीवन में बिताया गया समय अनमोल होता है। शिक्षक कच्ची माटी रूप में बच्चों को पालकों से प्राप्त कर शिक्षा रूपी सांचे में ढाल कर उन्हे साकार बनाने का काम करते हैं। यह कार्य प्राथमिक विद्यालय में संपन्न किया जाता है। प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षक अपने कार्यों से देश के भविष्य का निर्माण करते हैं। विशेष अतिथि सहज सरकार ने कहा, कि प्राथामिक शिक्षा के दौरान ही यदि छात्र-छात्राएं अपने गुरुजन व माता-पिता के बताए मार्ग पर चलने के अभ्यस्त हो जाते हैं तो वे अपने जीवन में सफलता के उच्चतम शिखर पर पहुंच पाते है। प्राथमिक शिक्षक हमारे जीवन में आजीवन स्मरण में बने रहते हैं। शिक्षकों को चाहिए, कि वे अपने छात्र-छात्राओं हेतु आदर्श आचरण का पालन कर छात्रों को उच्च संस्कार देने का कार्य प्राथामिक शिक्षा देने के दौरान से ही करे तो हमारा समाज शिक्षा के साथ-साथ संस्कारवान भी बनेगा।इस दौरान विद्यालय शिक्षक छतरसिंह ठाकुर, यास्मीन खान, रिजवाना खान, शारदा वर्मा, सुषमा बघेल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय शिक्षक इंदरसिंह बेसवाल ने किया। आभार शिक्षिका ममता मिमरोट ने माना।
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