क्यों लंबित हो रहा है ट्रांसपोर्ट नगर के विकास का कार्य

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– देवास विकास प्राधिकरण अब तक नहीं करवा पाया भूमि संबंधी आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति

– नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की ओर से बार-बार किया पत्राचार, अब देविप्रा अध्यक्ष ने लिया मामला संज्ञान में

देवास। रसुलपुर स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के विकास को लेकर देवास विकास प्राधिकरण और नगर तथा ग्राम निवेश विभाग में प्रक्रिया चल रही है। पूर्व में भी प्राधिकरण ने ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन भूमि संबंधी आवश्यक दस्तावेजों के अनुपलब्ध होने से फाइल वापस ले ली गई। प्राधिकरण के कन्सलटेंट ने 1 फरवरी 2024 को एक बार फिर अॉनलाइन आवेदन किया है। आवेदन पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने भूमि संबंधी कुछ दस्तावेजों की पूर्ति के लिए देविप्रा को लेटर लिखा है। इधर मामले को लेकर देवास विकास प्राधिकरण अध्यक्ष राजेश यादव नगर तथा ग्राम निवेश के कार्यालय पहुंचे। संबंधित अधिकारी से चर्चा के बाद वे भी मान रहे हैं कि कुछ दस्तावेज बाकी रह गए हैं, जिनकी दो-तीन दिनों में पूर्ति करवा रहे हैं।

शहर में यातायात व्यवस्था में सुधार एवं भारी वाहनों का प्रवेश ना हो इसके लिए देविप्रा द्वारा रसुलपुर बायपास पर ट्रांसपोर्ट नगर विकसित करने के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया है। यह भूमि 10 हेक्टेयर से अधिक है। इस भूमि पर ट्रांसपोर्ट नगर का विकास किया जाना है। इसके ले-आउट को पास कराने संबंधी ऑनलाइन आवेदन प्राधिकरण ने किया था। आवेदन के साथ खसरा ट्रेस, सीमांकन संबंधी जानकारी अधूरी होने से आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी थी। पत्र व्यवहार के बीच भूमि से संबंधित दस्तावेज की प्रक्रिया पूर्ण नहीं कर पाने की स्थिति में 9 जनवरी 2024 को कन्सलटेंट ने फाइल वापस ले ली। कन्सलटेंट के माध्यम से 1 फरवरी 2024 को दोबारा आवेदन हुआ है। फिलहाल, 7 फरवरी को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की ओर से प्राधिकरण को पत्र लिखा गया, जिसमें अधिनियम 1973 की धारा 28 के अधीन अनुज्ञा हेतु प्रस्तुत प्रकरण के संबंध में भूमि से संबंधित कुछ दस्तावेज की पूर्ति के लिए कहा गया है, जिसे अब तक उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं।

उल्लेखनीय है, कि नगर तथा ग्राम निवेश विभाग में आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन हो चुकी है। यहां जो भी आवेदन प्राप्त होते हैं, उन्हें शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करना होता है। इस बीच दस्तावेज संबंधी जानकारी भी ऑनलाइन अपलोड की जाती है। समय अवधि में दस्तावेज की पूर्ति नहीं होने पर नए सिरे से फाइल की प्रोसेस करना पड़ती है।

इधर मंगलवार को देविप्रा अध्यक्ष राजेश यादव नगर तथा ग्राम निवेश के कार्यालय पहुंच गए, लेकिन यहां उप संचालक के मीटिंग में होने से उनकी चर्चा नहीं हो सकी। दोपहर में प्राधिकरण कार्यालय में उप संचालक ने स्वयं पहुंचकर प्राधिकरण को भूमि से संबंधित आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए कहा है।

दस्तावेज संंबंधी कमियां पूरी कर रहे हैं-

इस पूरे मामले में देविप्रा अध्यक्ष यादव का कहना है, कि मेरी मैडम से चर्चा हुई है। उन्होंने हमें कुछ दस्तावेजों की पूर्ति के लिए कहा है। हमने संबंधित अधिकारियों को दो दिन में ही दस्तावेजों की पूर्ति के लिए निर्देश दिए हैं। दस्तावेज संबंधी कुछ कमियां थीं, जिन्हें दूर कर रहे हैं।

हमारे यहां फाइल पेंडिंग नहीं होती-

इस संबंध में उप संचालक अनीता कुरोठे का कहना है, कि विभाग की ओर से कोई भी फाइल को पेंडिंग नहीं रखते हैं। संपूर्ण कार्य ऑनलाइन है, जिसे समय सीमा में पूर्ण करना होता है। भूमि से संबंधित दस्तावेज पूर्ण नहीं होने से परीक्षण संभव नहीं है। हमने अध्यक्ष महोदय को दस्तावेज की पूर्ति के लिए अवगत कराया है। जैसे ही दस्तावेज प्राप्त होते हैं, वैसे ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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