- पूरे जिले में 10 हजार 800 विद्यार्थियों की परीक्षा में सहभागिता रही
देवास। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में देशभर में प्रतिवर्ष भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा आयोजित होती है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत की संस्कृति व सभ्यता का प्रचार-प्रसार स्कूली विद्यार्थियों में हो ताकि वे संस्कृति के अनुरूप ढल सके। इसी कड़ी में देवास जिले की सभी 9 तहसीलों में शिक्षकों एवं गायत्री परिजनों के सहयोग से 186 परीक्षा केंद्रों पर सफलतापूर्वक यह परीक्षा संपन्न हुई।
गायत्री परिवार के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया, कि भारत के गौरव गरिमा और ज्ञान की परीक्षा प्रतिवर्ष शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में देशभर में संपन्न होती है। इसी क्रम में यह परीक्षा पूरे देवास जिले में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के जिला संयोजक देवीशंकर तिवारी एवं जिला सह संयोजक रमेश नागर ने जिले की तहसीलों के आंकड़े बताए जिसमें देवास तहसील, सोनकच्छ, उदयनगर, कन्नौद, खातेगांव, बागली, टोंकखुर्द, सतवास एवं हाटपीपल्या में लगभग 10 हजार 800 विद्यार्थियों की परीक्षा में सहभागिता रही। श्री तिवारी ने कहा, कि आज के वर्तमान समय में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा की आवश्यकता अनिवार्य है, क्योंकि आज की नव पीढ़ी हमारी संस्कृति, सभ्यता और संस्कार से दूर होती नजर आ रही है, इसीलिए शिक्षण संस्थाओं का कर्तव्य एवं दायित्व है कि यह परीक्षा अनिवार्य रूप से ले।
युवा प्रकोष्ठ जिला समन्वयक प्रमोद निहाले ने भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा से जुड़े सभी तहसील प्रभारियों, स्कूल परीक्षा केंद्र प्रभारी और गायत्री परिवार के समस्त कार्यकर्ताओं को बधाई प्रेषित की और धन्यवाद दिया। भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा को संपन्न कराने में जिले की सभी तहसीलों के प्रभारियों का विशेष सहयोग मिला जिसमें गणेशचंद्र व्यास, हरिराम जिराती, महेश पटेल, संतोष पटेल, शिवनारायण शर्मा, रवींद्र नायक, हरिप्रसाद पांडेय, राजेंद्र शर्मा, देवेंद्र राठौर, आशीष गुप्ता, पुष्करलाल गुप्ता, गिरीश गुरु, फूलसिंह नागर, पुरुषोत्तम परमार, उमेश दुबे, राजेंद्र व्यास, हजारीलाल चौहान, दिनेश पंचोली सहित अन्य शिक्षक एवं परिजन शामिल थे।
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