देवास। किसानों की बर्बाद हुई फसल की पीड़ा को लेकर सभी तहसीलों से भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष, मंत्री एवं कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की गई। इसमें प्रभावित फसलों के बारे में चिंता जाहिर की गई। अगस्त में बारिश नहीं होने व सितंबर में अधिक बारिश होने से सोयाबीन, मूंग, मक्का, उड़द, कपास आदि फसलों को नुकसान हुआ है।
पदाधिकारियों ने बताया हमने 15 सितंबर तक फसल नुकसान के सर्वे की मांग की थी, लेकिन अभी तक कहीं पर भी सर्वे नहीं हुआ है। इससे किसानों में रोष है। कई स्थानों पर 60 से 80 प्रतिशत नुकसान हुआ है। किसानों को कर्ज चुकाने की चिंता सता रही है। इस विषय को लेकर आयोजित बैठक में कन्नौद, खातेगांव, सतवास, उदयनगर, बागली, हाटपिपल्या, टोंकखुर्द, सोनकच्छ, देवास के कार्यकर्ता शामिल हुए। सतवास के किसान गोरेलाल गुर्जर ने बताया कि नदी किनारे करीब 300 बीघा फसल की मिट्टी बहकर चली गई, इससे फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। शिप्रा के जिला मंत्री शेखर पटेल ने बताया ब्रिज के कारण 200 बीघा जमीन में किसानों की फसल डूब गई।
उदयनगर के भगवान पटेल बताया कि धाराजी क्षेत्र में सैकड़ों बीघा जमीन में मक्का, सोयाबीन एवं कपास बाढ़ आने के कारण खराब हो गई। बैठक में प्रांत अध्यक्ष रामप्रसाद सूर्या, प्रांत प्रचार प्रमुख गोवर्धन पाटीदार, जिला उपाध्यक्ष बहादुरसिंह ठाकुर, राकेश जाट, केदार पाटीदार, भगतराम सुन्दरिया, चंपालाल मुकाती, गोर्वधनसिंह एवं अनेक कार्यकर्ता शामिल हुए। जिला अध्यक्ष हुकुमचंद पटेल ने बताया कि किसानों को अगर राहत राशि नहीं दी गई तो आने वाले समय में कलेक्टर कार्यालय का घेराव करते हुए धरना प्रदर्शन किया जाएगा। भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने प्रभावित हुई फसल की राहत राशि की मांग करते हुए कलेक्टर ऋषव गुप्ता से भी भेंट की।
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