- 200 पेज में शहर विकास के प्रत्येक पहलु पर गंभीरता से हुआ है चिंतन-मनन
- सिया, सुनवानी महाकाल, बालोदा, शिप्रा, सिंगावदा सहित कई गांव देवास में होंगे शामिल
- 32 गांव और शामिल होने से शहरी सीमा 9310 हेक्टेयर से बढ़कर 23406 हेक्टेयर होगी
- गांवों में चौड़ी सड़कों का प्रावधान, नदी-नालों के समीप निर्माण कार्यों पर सख्ती से रोक
देवास (रूपेश मेहता)। किसी भी शहर के सुनियोजित विकास में मास्टर प्लान का अहम योगदान होता है। देवास शहर में समय के साथ आबादी बढ़ती रही, रहने के लिए मकान बने, सार्वजनिक भवनों, कारखानों आदि का निर्माण हुआ। कई कॉलोनियां विकसित हुई। स्थान का अभाव होने से शहर के आसपास सटे गांवों की सीमा तक बसाहट पहुंच गई। यह विकास वर्ष 1973 की प्लानिंग के अनुरूप हुआ था, लेकिन भविष्य की जरूरतों काे देखते हुए देवास शहर का विकास किस तरह से हो, इसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस प्लान में वर्ष 2035 तक की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक पहलु पर गहनता से चिंतन-मनन किया गया है। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की ढाई साल की कड़ी मेहनत-मशक्कत से तैयार हुआ है यह मास्टर प्लान।
देवास शहर के लिए वर्ष 1973 में प्लान तैयार हुआ था। उस समय देवास की सीमा 9 हजार 310 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली थी। उस समय देवास में 18 गांव शामिल थे। समय के साथ देवास की आबादी भी बढ़ रही है। ऐसे में नए सिरे से मास्टर प्लान बनाया गया है। इस मास्टर प्लान को तैयार करने में काफी परिश्रम लगा। ढाई साल की मेहनत में जिले के लगभग सभी विभागों से जानकारियां कलेक्ट की गई। जिन गांवों को देवास में शामिल करना है, उनका जीआईएस पद्धति से सर्वे हुआ, सेटेलाइट पद्धति का भी उपयोग किया गया। साथ ही पहले के 18 गांवों व नए 32 गांवों का अधिकारियों ने भ्रमण कर सर्वे भी किया। सरकारी विभागों के साथ-साथ आम लोगों से जानकारियां जुटाई गई। विभाग के पास स्टाफ की कमी है, इसके बावजूद गांवों का मौके पर जाकर सर्वे किया। सर्वे के पश्चात जानकारियों को कम्प्यूटर पर अपलोड करने के लिए कई बार देर रात तक अाफिस में कार्य किया। मेहनत व मशक्कत के बाद लगभग 200 पेज में देवास के विकास का खाका तैयार हुआ है।
शहरी पद्धति से होगा गांवों का विकास-
जो मास्टर प्लान तैयार हुआ है उसके अंतर्गत देवास शहर का एरिया बढ़कर 23 हजार 406 हेक्टेयर हो जाएगा। साथ ही देवास में 32 गांवों को और शामिल किया है। इस प्रकार देवास में 50 गांव शामिल हो जाएंगे। आवश्यकता पड़ने पर नगर निगम इन गांवों को अपनी सीमा में शामिल कर सकता है। बहरहाल शहरी सीमा में बढ़ोतरी होगी तो इन गांवों का विकास भी शहरी पद्धति पर होगा। मास्टर प्लान में कृषि भूमि को सुरक्षित रखने के लिए प्रावधान किए गए हैं। कृषि भूमि पर कॉलोनाइजर कॉलोनियां नहीं काट सकेंगे। वैसे आवश्यकता महसूस होने पर कृषि भूमि पर स्कूल-कॉलेज भवन जरूर बनाए जा सकेंगे।
मास्टर प्लान में चौड़ी सड़कों का प्रावधान-
मास्टर प्लान वर्ष 2035 में शहर की आबादी लगभग 6 लाख होने की संभावना को देखते हुए से तैयार किया है। इसके अनुसार किन स्थानों पर उद्योग होना चाहिए, स्कूल-कॉलेज, सरकारी कार्यालय, हॉस्पिटल, व्यवसायिक क्षेत्र कहां पर होना चाहिए आदि पर विचार किया है। सड़कों की चौड़ाई कितनी होनी चाहिए, इस बारे भी मास्टर प्लान में उल्लेख है। सामान्य तौर पर 18 से 60 मीटर तक के रोड की प्लानिंग की गई है।
शिप्रा नदी के 100 मीटर तक निर्माण पर रोक-
मास्टर प्लान में नदी-नालों के आसपास की स्थिति पर विचार किया है। शिप्रा नदी के 100 मीटर तक निर्माण पर भी रोक लगाई जाएगी। वहां भवन-मकान सहित अन्य निर्माण कार्यों पर रोक रहेगी। नदी का यह स्थान ग्रीन बेल्ट कहलाएगा। जो मकान पहले से ही बने हैं, वे यथावत रहेंगे। यहां सिर्फ नवीन निर्माण पर ही रोक का प्रावधान है। इसी प्रकार नालों के 9 मीटर तक ग्रीन बेल्ट का हिस्सा कहलाएगा। इस सीमा क्षेत्र में भी किसी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इन गांवों से मिलकर बना था देवास शहर-
देवास के पुराने निवेश क्षेत्र में 18 गांव शामिल थे। इनमें देवास सीनियर, देवास जूनियर, बालगढ़, शंकरगढ़, बावड़िया, रसूलपुर, बिंजाना, अमोना, बीराखेड़ी, मेंढकीचक, इटावा, कालूखेड़ी, ब्राह्मणखेड़ी, बिलावली, नौसेराबाद, जैतपुरा, राजोदा पंचायत व नागूखेड़ी पंचायत शामिल हैं।
ये गांव जो मास्टर प्लान के तहत शामिल होंगे-
जो 32 गांव मास्टर प्लान में शामिल किए हैं। इनमें नागदा नगर पालिका निगम, पालनगर नगर पालिका निगम, अनवटपुरा नगर पालिका निगम, सिया, दुर्गापुरा, अमरपुरा, गदूखेड़ी, खटांबा, सतबर्डी, खेताखेड़ी, बालोदा, सुनवानी महाकाल, सुकल्या शिप्रा, अलीपुर, लाेहारपीपल्या, टुमनी, गदईसापीपल्या, आजमपुर सुतारखेड़ा, चंदाना, छायन, मुंगावदा, सिंगावदा, भीमसी, करनाखेड़ी, खजूरिया, मुकुंदखेड़ी, निपानिया, बोरखेड़ी धाकड़, राजपुरा, लसुड़िया नजदीक, भानगढ़, अमलावती गांव शामिल हैं।
आपत्ति/सुझाव 12 सितंबर तक दे सकते हैं-
देवास विकास योजना 2035 मास्टर प्लान मप्र राजपत्र 11 अगस्त 2023 में प्रकाशित किया गया है। इसकी एक-एक प्रति संभाग आयुक्त उज्जैन, कलेक्टर, आयुक्त नगर निगम एवं उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश देवास के कार्यालयों में कार्यालयीन समय में जन सामान्य से आपत्ति/सुझाव प्राप्त करने के लिए 12 सितंबर तक उपलब्ध रहेगी। इस अवधि तक कोई भी व्यक्ति प्रारूप विकास योजना के संबंध में लिखित आपत्ति/सुझाव इन कार्यालयों या ई-मेल आईडी [email protected] के माध्यम से प्रस्तुत कर सकता है।
आपत्ति/सुझाव के बाद होगा सुधार
मास्टर प्लान में शहर विकास के प्रत्येक बिंदू पर विचार-विमर्श किया है। जो 32 गांव शामिल किए जा रहे हैं, वहां भी भ्रमण कर जानकारियां जुटाई गई। लगभग सभी सरकारी विभागों से हमने डाटा कलेक्ट किए हैं। पूरे प्लान को तैयार करने में ढाई साल का वक्त लगा है। आपत्ति/सुझाव व सुधार की प्रक्रिया के पश्चात यह प्लान क्रियान्वित हो सकेगा।
अनीता कुरोठे, उप संचालक
नगर तथा ग्राम निवेश विभाग
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