• Thu. Aug 14th, 2025

    विकास यात्रा के दौरान किसानों ने किया लैंड पुलिंग योजना का विरोध

    ByNews Desk

    Feb 5, 2023
    Share
    • विधायक ने कहा हाटपीपल्या विधानसभा में दो-ढाई सालों में करोड़ों के विकास कार्य हुए

    शिप्रा (राजेश बराना)।  सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी देने व योजनाअों का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से विकास यात्रा प्रारंभ हुई है। हाटपीपल्या की विकास यात्रा शिप्रा से प्रारंभ हुई। विकास यात्रा के दौरान लैंड पुलिंग योजना के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन किया और योजना को वापस लेने की मांग की।

    ग्राम शिप्रा में विधायक मनोज चौधरी की विकास यात्रा में लैंड पुलिंग योजना के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। किसानों का कहना है कि हम विकास यात्रा का विरोध नहीं कर रहे हैं। विकास यात्रा हर महीने निकालो, लेकिन लैंड पुलिंग योजना से हमें मुक्त कर दो। इधर विधायक चौधरी ने विकास यात्रा में हाटपीपल्या विधानसभा में किए गए कार्यों की जानकारी दी। ग्रामीणों से समर्थना मांगा। साथ ही शिप्रा घाट पर बनने वाले घाट के लिए भूमिपूजन किया। उन्होंने शिप्रा मैय्या की आरती की। शिप्रा के प्रमुख मार्गों से होते हुए कलश यात्रा निकाली गई।

    इस अवसर पर विधायक चौधरी ने कहा कि क्षेत्र में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। यहां लगभग 10 हजार करोड़ से अधिक के कार्य हो रहे हैं। यह ऐतिहासिक समय है। दो-ढाई साल में विकास कार्य अधिक हुए हैं। रहा सवाल किसानों के लैंड पुलिंग योजना के विरोध का तो मैं स्वयं किसानों को साथ ले जाकर भोपाल में मुख्यमंत्री से मिला हूं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिना किसानों की अनुमति कोई भी काम नहीं होगा। जो किसानों को बरगला रहे हैं, उनसे किसानों को सावधान रहना चाहिए।

    भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री शेखर पटेल का कहना है कि हमारा विकास यात्रा को समर्थन है। यह विकास यात्रा खूब निकले और हर महीने निकले, लेकिन हमारा विरोध है 32 गांवों की लैंड पुलिंग योजना का। किसानों की आपत्तियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। हमने पहले भी आंदोलन किए हैं और आगे भी इसी प्रकार का विरोध जारी रहेगा।

    लोहारपीपल्या के किसान संजय पटेल ने कहा कि हमें विकास यात्रा से कोई तकलीफ नहीं है। हमारी जमीन को लैंड पुलिंग योजना से बाहर कर दिया जाए। हमने पूर्व भी आवेदन दिए और आपत्तियां लगाई। इसके बावजूद कोई हल नहीं निकला। हम 32 गांवों के किसान एक इंच भी जमीन नहीं देना चाहते। हमारी आपत्तियां है तो हमारी जमीन क्यों ली जा रही है। हमारी जमीन का टीएनसी डायवर्सन भी बंद कर दिया है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *