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देवास का नारायण विद्या मंदिर क्र. 1 बना पर्यावरण संरक्षण की मिसाल

ByNews Desk

Apr 26, 2025
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– परिसर में 50 से अधिक हरे-भरे विशाल पेड़ दे रहे हैं गर्मी में छांव व शीतलता

देवास। शहर के मध्य स्थित नारायण विद्या मंदिर क्रमांक 1 न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाता है, बल्कि अपने हरियाली से आच्छादित परिसर के लिए भी यह विद्यालय एक विशिष्ट पहचान रखता है। यहां का वातावरण जैसे प्राकृतिक आंगन की अनुभूति कराता है। सैकड़ों प्रजातियों के वृक्षों और पौधों से सजा यह परिसर गर्मी की चिलचिलाती दोपहर में भी शीतल छांव और ताजगी का एहसास दिला रहा है।

यहां वर्षों पूर्व शुरू हुए पौधारोपण अभियान ने अब एक विशाल रूप ले लिया है। जो छोटे-छोटे पौधे कभी विद्यार्थियों व शिक्षकों के हाथों से रोपे गए थे, वे आज हरेभरे विशाल वृक्षों में तब्दील हो चुके हैं। वर्तमान में यहां 60 से अधिक बड़े वृक्ष हैं, जो न केवल छाया प्रदान कर रहे हैं, बल्कि परिसर की सुंदरता को भी बढ़ा रहे हैं।

यहां बड़े वृक्षों के साथ ही सजावटी पौधे और फूलों से सजी क्यारियां भी हैं। इन सभी पेड़-पौधों की गर्मी में नियमित सिंचाई और देखरेख की जा रही है, जिससे वे हरे-भरे दिखाई दे रहे हैं।

हर हाथ बना हरियाली का भागीदार-
विद्यालय के इको क्लब प्रभारी अनुज जायसवाल बताते हैं, यह हरियाली केवल किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे विद्यालय परिवार की साझा जिम्मेदारी और प्रयास का परिणाम है। अब तो स्थिति यह है कि बड़े वृक्षों के लिए परिसर में जगह ही नहीं बची है, इसलिए हमने बड़े-बड़े गमलों में पौधे लगाना शुरू कर दिया है, जिससे हर कोना हराभरा बना रहे।

वनस्पति विज्ञान की पाठशाला है स्कूल का बगीचा-
विद्यालय में बॉटनी (वनस्पति विज्ञान) के शिक्षक लोकेश सांवलिया का कहना है, हमारे परिसर में मौजूद हर पौधे का अपना एक वैज्ञानिक महत्व है। हम विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक शिक्षा देने के लिए इन्हीं पौधों का उपयोग करते हैं। हमने प्रत्येक पेड़-पौधे पर क्यूआर कोड लगाए हैं, जिन्हें स्कैन कर विद्यार्थी और आगंतुक उसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। क्यू आर कोड से बच्चों में प्रकृति के प्रति जिज्ञासा और जागरूकता बढ़ रही है।

दे रहे हैं पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा-
वरिष्ठ शिक्षक एमएल पटेल का कहना है, पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी केवल सरकार या संस्थाओं की नहीं, बल्कि हम सभी की है। हम बच्चों को सिर्फ पाठ्यक्रम नहीं सिखा रहे, बल्कि उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक भी बना रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमारे विद्यार्थी जहां जाएं, वहां हरियाली फैलाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

स्वास्थ्य और हरियाली का गहरा नाता-
स्पोर्ट्स शिक्षक मिर्जा मुशाहिद बेग का कहना है, जिस प्रकार खेल हमारे शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम हैं, उसी तरह पेड़-पौधे हमारे पर्यावरण को स्वस्थ रखते हैं। इसी सोच के साथ हमने स्कूल में अधिक से अधिक पौधारोपण किया है, ताकि आने वाली पीढ़ियां शुद्ध वायु में सांस ले सकें।

प्रेरणास्रोत बना विद्यालय-
नारायण विद्या मंदिर क्र. 1 आज अन्य विद्यालयों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बन चुका है। यहां के शिक्षक, विद्यार्थी और प्रबंधन मिलकर जिस समर्पण से हरियाली का सृजन कर रहे हैं, वह अनुकरणीय है। यह केवल एक स्कूल नहीं, बल्कि पर्यावरणीय चेतना का जीवंत उदाहरण है, जो यह सिखाता है कि यदि नीयत और नीति हो, तो हर स्थान को हराभरा बनाया जा सकता है।