शिप्रा (राजेश बराना)। “सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान” एक व्यापक और लक्ष्य आधारित क्षमता-निर्माण पहल है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में पंचायती राज संस्थानों की महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों को सशक्त बनाना है। उनके नेतृत्व कौशल, उनकी निर्णय लेने की क्षमताओं को बढ़ाने और जमीनी स्तर के शासन में उनकी भूमिका को मजबूत करना है।
सरकार जमीनी स्तर पर महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रही है। सरकार की कोशिश पंचायत स्तर पर महिला प्रतिनिधियों की भागीदारी बढ़ाने की है। मंगलवार को हुए कार्यक्रम में केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने ‘सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान’ की शुरुआत की, जिसमें चुने गए महिला प्रतिनिधियों को लेकर विज्ञान भवन में एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश की 1200 से अधिक निर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधि और अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए, इस कार्यक्रम में इंदौर जिले की 3 महिला सरपंच शामिल हुई।
कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायती राज स्तर पर महिला प्रतिनिधियों की क्षमता का विकास करना है, ताकि महिलाएं अपनी नेतृत्व, निर्णय लेने की क्षमता और जमीनी स्तर पर गवर्नेंस को बेहतर करने में योगदान दे सके।
राजीव रंजन सिंह, केंद्रीय पंचायती राज मंत्री और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, अन्नपूर्णा देवी केंद्रीय मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल केंद्रीय राज्य मंत्री, पंचायती राज मंत्रालय और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, निखिल खडसे केंद्रीय राज्य मंत्री युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में सुशील कुमार लोहानी अतिरिक्त सचिव, MOPR, विवेक भारद्वाज सचिव, एमओपीआर भारत सरकार नई दिल्ली सहित संपूर्ण भारत के ग्राम पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में इंदौर ज़िले की जनपद पंचायत सांवेर से ब्लॉक समन्वयक पूजा कुशवाह, ग्राम पंचायत बुढ़ी बरलाई की सरपंच प्रिया मांगरोल, जनपद पंचायत महू की ग्राम पंचायत नावदा की सरपंच सुगन बाई, ग्राम पंचायत सोनवाय की सरपंच अनुसुइया शामिल हुई।