– माता टेकरी पर भजन संध्या, दीपोत्सव, महाप्रसादी का हुआ आयोजन
देवास। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उज्जैन में श्री महाकाल लोक का लोकार्पण किया गया। उज्जैन में “श्री महाकाल लोक” के लोकार्पण अवसर पर देवास जिले में भी मंदिरों में भजन, पूजन, कीर्तन, आरती, धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए। जिले के मंदिरों में श्री महाकाल लोक लोकार्पण कार्यक्रम को लाईव देखा गया।
श्री महाकाल लोक के लोकार्पण अवसर पर देवास में मां चामुण्डा टेकरी पर मंदिर समिति द्वारा 10001 दीपों से दीपोत्सव मनाया गया, महाप्रसादी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। माता टेकरी पर बडी माता मां तुलजा भवानी मंदिर नवीन प्रांगण में शिव भजन संध्या का आयोजन किया गया।
देवास में भोलेनाथ मंदिर, बिलावली महाकाल मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भजन, पूजन, कीर्तन, आरती, धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये तथा श्री महाकाल लोक का लोकार्पण कार्यक्रम को देखा गया। जिले में अनुभाग खातेगांव, बागली, सोनकच्छ तथा कन्नौद में भी मंदिरों में भजन, पूजन, कीर्तन, आरती, धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये तथा श्री महाकाल लोक का लोकार्पण कार्यक्रम देखा गया।
श्री महाकाल लोक क्षेत्र विकास परियोजना के प्रथम चरण में 350 करोड़ रूपये की लागत से भगवान श्री महाकालेश्वर के आँगन में छोटे और बड़े रूद्रसागर, हरसिद्ध मंदिर, चार धाम मंदिर, विक्रम टीला आदि का विकास किया गया है। जिसमें महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिड-वे झोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डैक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स और गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स का कार्य शामिल हैं। महाकाल कॉरिडोर के प्रथम घटक में पैदल चलने के लिए उपयुक्त 200 मीटर लम्बा मार्ग बनाया गया है। इसमें 25 फीट ऊँची एवं 500 मीटर लम्बी म्युरल वॉल बनाई गई है। साथ ही 108 शिव स्तंभ, शिव की विभिन्न मुद्राओं सहित निर्मित हो चुके हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रहे हैं। इन स्तंभों में भगवान शिव के आनंद तांडव स्वरूप को दर्शाया गया है। महाकाल पथ के किनारे भगवान शिव को दर्शाने वाली धार्मिक मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। पथ के साथ दीवार चित्र शिव पुराण की कहानियों पर आधारित हैं। लोटस पोंड, ओपन एयर थिएटर तथा लेक फ्रंट एरिया और ई-रिक्शा एवं आकस्मिक वाहनों के लिए मार्ग भी बनाए गए हैं। बड़े रूद्र सागर की झील में स्वच्छ पानी भरा गया है। दूसरे चरण के कार्य वर्ष 2023-24 में पूर्ण होंगे। इस चरण में महाराजवाड़ा परिसर का विकास किया जायेगा। जिसमें ऐतिहासिक महाराजवाड़ा भवन का हेरिटेज के रूप में पुनर्पयोग, कुंभ संग्रहालय के रूप में पुराने अवशेषों का समावेश और इस परिसर का महाकाल मंदिर परिसर से एकीकरण किया जायेगा।
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