देवास

ग्रामीण क्षेत्रों को तहसील बागली से जोड़ने वाली सड़क जर्जर

– गिट्टी उखड़ने से वाहनों के टायरों को होता है नुकसान, दुर्घटनाएं भी होती है
– नौ किमी की आवाजाही कष्टदायक, पांच किमी अतिरिक्त घूमकर जाना ही उचित समझते हैं राहगीर
बेहरी( हीरालाल गोस्वामी)।
सड़कें किसी भी क्षेत्र के विकास व तरक्की की गवाह होती है। व्यवस्थित सड़क होने से न केवल राहगीरों को आवाजाही में सुविधा होती है, बल्कि उस क्षेत्र का तेजी से विकास भी होता है। इधर क्षेत्र की सात ग्राम पंचायतों के 20 से अधिक छोटे-बड़े गांवों को तहसील मुख्यालय बागली से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पूरी तरह से जर्जर होकर गिट्टी से भर गई है। गिट्टी उखड़ जाने से इस सड़क से आवाजाही कष्टदायक हो गई है। गिट्टी पर वाहनों के टायर फिसलते हैं और ऐसे में दुर्घटना भी होती रहती है। इसके चलते बड़ी संख्या में राहगीर पांच किमी का चक्कर लगाकर बागली जाना उचित समझते हैं।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बागली से गुवाड़ी ग्राम पंचायत तक करीब नौ किमी की यह सड़क वर्ष 2007 में बनी थी। यह ग्रामीण क्षेत्रों में आवाजाही के लिए मुख्य संपर्क सड़क है। इसका उपयोग रामपुरा, मालीपुरा, अंबापानी, बढ़पुरा, पाजंरिया, खेड़ा, चारबर्डी, कुकड़ीपुरा, कूपगांव, सेवनिया, बावड़ीखेड़ा, कामठखेड़ा आदि गांवों के लोग करते हैं। फिलहाल यह सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। जगह-जगह गड्ढे हैं और गिट्टी उखड़ रही है। इनमें से गुजरते वक्त वाहन चालकों को दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। मोटरसाइकिल सवार गिरते-पड़ते नजर आते हैं। एक वर्ष में इस मार्ग पर 15 से अधिक दुर्घटना हो चुकी है। दुर्घटनाओं में तीन लोगों की जान भी जा चुकी है। अधिकांश वाहन चालक सड़क की जर्जर स्थिति को देखते हुए करीब पांच किमी घूमकर जाना ही उचित समझते हैं। राहगीरों का कहना है, कि सड़क का निर्माण हुए 15 साल से अधिक हो चुके हैं। इसे देखते हुए अब फिर से निर्माण किया जाना चाहिए।
सरपंचों ने दी आंदोलन की चेतावनी-
ग्राम पंचायत गुवाड़ी की सरपंच दुर्गा गोविंद बैरागी, चारबर्डी के सरपंच मांगीलाल बछानिया, धावड़िया के सरपंच तेजसिंह ओसारी, शिवन्या की सरपंच सीमा रामप्रसाद जाटवा, अंबापानी सरपंच अनुसुईय्या विरामसिंह कुमरिया ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यालय में पत्र लिखा है। इसमें उल्लेख किया गया कि सड़क इस प्रकार से जर्जर हो चुकी है कि इसका पेंचवर्क नहीं किया जा सकता। सड़क का फिर से निर्माण करना होगा। अगर सड़क नहीं बनाई जाती है तो सामूहिक आंदोलन करेंगे। सरपंच प्रतिनिधि गोविंद बैरागी ने बताया कि सड़क जर्जर होने से पांच किमी का चक्कर काटते हुए बेहरी, चैनपुरा होते हुए बागली मुख्यालय जाते हैं। रामपुरा, खेड़ा के बीच रोड कच्ची होने से समय अधिक लगता है और पेट्रोल-डीजल की खपत भी अधिक होती है।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button