खेत-खलियान

जोरदार बारिश से सोयाबीन एवं अन्य फसलों को मिला जीवनदान

नदी-नाले उफने, किसानों में हर्ष
भमौरी। आसपास के क्षेत्र में लगातार तीन दिन से हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए। खेतों में पानी बहने लगा। सोयाबीन, मक्का एवं मूंगफली फसल को राहत मिली है। इससे किसानों में उत्साह है।
उल्लेखनीय है कि 25 दिन पानी की लंबी खेंच होने से खेतों में दरारें पड़ने लगी थी। फसलें सूखने लगी थी। हल्की एवं पतली जमीन की सोयाबीन फसल में 50 प्रतिशत नुकसान पहुंचा है।
भमौरी के किसान संतोष पाटीदार ने बताया कि अर्ली वैरायटी में काफी नुकसान हुआ, लेट वैरायटी में बहुत अधिक इल्ली लगने से नुकसान हुआ है। फसलें ज्यादा घनी होने के कारण किसान कीटनाशक स्प्रे नहीं कर पा रहे हैं। इल्लियां फसलों को काफी नुकसान पहुंचा रही है। इससे उत्पादन पर काफी असर गिरेगा। मुकुंदगढ़ के उन्नतिशील किसान अक्षय शर्मा ने बताया कि बागली विकासखंड में 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन बोई गई है। वाटर लेवल अभी कम है। कुएं-बाबड़ी, तालाब भी पूरे नहीं भरे हैं। अब इस बारिश से आस बंधी है। अगली फसल के लिए पानी की अभी और जरुरत है।
भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष हुकम पटेल ने कहा कि वर्ष 2022 में क्षेत्र में सोयाबीन फसल में काफी नुकसान हुआ था। एक वर्ष होने के बाद भी किसानों को फसल बीमा नहीं मिला है। शासन को चाहिए कि जल्द से जल्द फसल बीमा डाले, इससे किसानों को राहत मिलेगी।

इनका कहना है-
कृषि विभाग बागली के एसडीओ आरके विश्वकर्मा का कहना है जेएस 9560 एवं ब्लैक गोल्ड वैरायटी में नुकसान हुआ है। 1135 एवं 2069 लेट वैरायटी में पानी गिरने से काफी फायदा होगा। शासन स्तर से अभी कोई सर्वे के आदेश नहीं हुए हैं।

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