खेत-खलियान

मेहनत से उगाए कद्दू में किसानों को हो रहा घाटा

– सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज नहीं, ठगा महसूस कर रहा किसान
– क्षेत्र में प्रतिदिन 20 क्विंटल तक कद्दू का होता है उत्पादन
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। क्षेत्र में इन दिनों कद्दू की फसल बहार पर है। खेतों में लगभग 20 क्विंटल तक कद्दू का उत्पादन हो रहा है। किसानों ने फायदे की उम्मीद में फसल लगाई थी, लेकिन शुरुआती सीजन में ही उचित भाव नहीं मिलने से किसान निराश है। इधर कद्दू को सुरक्षित रखने के लिए स्थानीय स्तर पर कोल्ड स्टोरेज भी नहीं है। ऐसे में किसानों को मजबूरी में कम भाव ही कद्दू बेचना पड़ रहा है।
क्षेत्र में लगभग 20 किसानों ने यह फसल लगाई है। वर्तमान में उत्पादन बेहतर है एवं कद्दू वजनी रूप में निकल रहा है। यहां लगे कद्दू का अधिकतम वजन 40 किलो तक है, छोटा कद्दू भी 10 किलो से कम नहीं है। इन्हें रखने का सुरक्षित स्थान नहीं है। ऐसे में 8 से 10 रुपए किलो से भी कम भाव में मंडी में बिक रहा है। इस कारण किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहा है। किसानों का कहना है, कि यह फसल कुछ दिनों बाद ही बहुत महंगी होकर बाजार में आ जाती है। कारण यह कि बेहरी क्षेत्र में किसानों के पास इसे रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है। यदि यह व्यवस्था क्षेत्र में हो जाए तो किसान इसे सुरक्षित रखकर समय आने पर उचित मुनाफा कमा सकेंगे। कई बार तो मंडी में भाव नहीं मिलने से किसान कद्दू को फेंकने पर भी मजबूर हुए हैं। वर्तमान में मंडी में कद्दू की आवक बहुत अधिक है। अकेले बेहरी क्षेत्र से प्रतिदिन 20 क्विंटल कद्दू का उत्पादन हो रहा है।
खेती-किसानी में तजुर्बेकार किसान केदार पाटीदार ने बताया, कि हमारा खेती के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट का बिजनेस भी है। नागपुर, रायपुर एवं बिलासपुर क्षेत्र में इस फसल को संभालने के लिए कोल्ड स्टोरेज बने हुए हैं, वहां पर किसान इस फसल को सुरक्षित रख लेते हैं। भाव आने पर वह स्टोरेज से निकालकर मार्केट में बेचते हैं और अच्छा मुनाफा कमाते हैं। देवास जिले में कहीं भी कद्दू रखने का कोल्ड स्टोरेज नहीं है।
किसान प्रताप बछानिया ने बताया कद्दू का फल 2 माह तक खुले में भी सुरक्षित रहता है। ऐसे में कृषि विभाग द्वारा उचित सलाह देकर इनका स्टोरेज करवाया जाना चाहिए, ताकि समय आने पर किसान इसे बेचकर घाटा पूर्ति कर ले।
दुलीचंद वास्केल, गंगाराम मोहन डोडवे आदि ने बताया कि पैदावारी तो अच्छी हो रही है, सभी सब्जियाें को सीजन में बेचने पर घाटा होता है। इन्हें संभालने की व्यवस्था नहीं है। ना हमारे पास बड़े मकान है जो संभालकर रखा जा सके और ना ही क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज है। ऐसे में घाटा खाकर भी बेचते हैं।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button