देवास। कभी अत्यधिक ठंड पड़ने से तो कभी ओलावृष्टि, बेमौसम की बारिश से चना, गेहूं, सोयाबीन, मक्का की फसलें बर्बाद हो जाती हैं। हाल ही में मावठे की बारिश से बर्बाद हुई फसल से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। खासकर गरीब व मध्यमवर्गीय किसान, जो जैसे-तैसे ब्याज से पैसा लेकर खाद-बीज की व्यवस्था कर फसल बोते हैं, उन्हें और अधिक चिंता सता रही है।
पूर्व जनपद सदस्य ठाकुर मोहनसिंह चंदाना ने बताया कि फसल नुकसानी की भरपाई के लिए किसानों द्वारा हर छह-छह माह में किसान क्रेडिट द्वारा फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा करवाया जाता है, लेकिन किसानों को शत प्रतिशत किसान क्रेडिट बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि हर छह माह में बीमा का पैसा जरूर काट लिया जाता है। किसान आनंदसिंह पंवार, ईश्वरसिंह पंवार ने बताया हाल ही में हुई बारिश से रूपाखेड़ी, चंदाना, लोहारी, छायन, सिरोंज सहित आसपास के करीब 2 दर्जन गांवों के किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। फसल बर्बादी को करीब हफ़्ता बीतने को है, लेकिन प्रशानिक स्तर पर अब तक सर्वे को लेकर कोई हलचल दिखाई नहीं दे रही है। फसल खराब होने से किसानों में चिंता व्याप्त है। श्री चंदना ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसल का अतिशीघ्र पटवारी से सर्वे करवाकर किसानों को फसल बीमा योजना व मुवावजे का नियमानुसार लाभ दिया जाएं।
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