देवास। भारतीय किसान संघ ने देवास की कृषि उपज मंडी में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने अपनी बात रखी। तत्पश्चात रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन में मांग की गई कि कुछ समय पहले जो गेहूं 3 हजार रुपए क्विंटल बिक रहा था, वह आज सरकार की गलत नीतियों के कारण मंडियों में 1700-1800 रु में बिक रहा है। किसान हित में गेहूं पर 500 रु बोनस दिया जाए। फसलों को चौपट करने वाले जंगली जानवरों से किसानों को मुक्ति दिलाई जाए। देवास तहसील के 32 गांवों से लैंड पुलिंग एक्ट हटाकर उस पर लगे सारे प्रतिबंध 15 दिन के अंदर समाप्त करें, अन्यथा भारतीय किसान संघ पुन: अनिश्चितकालीन आंदोलन करने को मजबूर होगा। सहकारी संस्थाओं की ऋण जमा करने की ड्यू डेट 28 मार्च से बढ़ाकर 15 मई की जाएं। वर्ष 2019 से जितने भी किसान ऋणमाफी के चक्कर में डिफाल्टर हुए हैं, उनका ब्याज माफ किया जाएं। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में सभी किसान परिवार की महिलाओं को बिना किसी (लघु सीमांत या चार पहिया वाहन का) प्रतिबंध के शामिल किया जाएं। रबी-खरीफ वर्ष 2020 का फसल बीमा क्लैम बीमा कंपनी द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की नीति को ताक में रखते हुए, आधा ही दिया गया था। जिले के किसानों का बीमा कंपनी लगभग 600 करोड़ हजम कर गई। संगठन द्वारा बार-बार आवेदन निवेदन करने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वर्ष 2018 का सोयाबीन, मक्का प्रोत्साहन राशि 500, प्याज भावांतर, वर्ष 2019 का गेहूं बोनस 160 रुपए, वर्ष 2019 में अतिवृष्टि से फसल नुकसानी की राहत राशि की तीन किस्त 75 प्रतिशत, वर्ष 2020 खरीफ फसल राहत राशि तीसरी किस्त 34 प्रतिशत दी जाएं।
इसी प्रकार इंदौर-बुधनी रेल्वे लाइन और इंदौर-बैतूल हाईवे में किसानों की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा तहसील के जिस हल्के की गाइड लाइन अधिक है उस हिसाब से चार गुणा दिया जाए। नर्मदा सिंचाई योजना में जिले की सभी तहसील के छूटे गांवों को सिंचाई योजना लाभ दिलाने के लिए योजना बनाई जाएं। ज्ञापन का वाचन जिलाध्यक्ष हुकुमचंद पटेल ने किया।
इस अवसर पर प्रांत अध्यक्ष रामप्रसाद सूर्या, जिलाध्यक्ष हुकुमचंद पटेल, जिलामंत्री शेखर पटेल, जिला उपाध्यक्ष बहादुरसिंह राजपूत, जिला कार्यालय मंत्री केदारमल पाटीदार, जिला कोषाध्यक्ष नारायण मंडलोई, चंपालाल मुकाती, ईश्वर पटेल, जितेंद्र पटेल, कैलाश सुनानिया आदि सहित सभी तहसील कार्यकर्ता मौजूद थे।
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