Lic: सफलता कोई जादुई वस्तु नहीं, इसे कोई गिफ्ट में नहीं देगा

Posted by

Share

– एलआईसी की यूनिट मीटिंग में शाखा प्रबंधक सुभाष पाठक ने दिया मोटिवेशनल स्पीच

देवास। सफलता कोई जादुई वस्तु नहीं है। इसे प्राप्त करने के लिए समर्पण की आवश्यकता है। जब तक आपके मन में कार्य के प्रति लगाव नहीं है, तब तक आप पूर्ण रूप से समर्पित होकर सफलता की ओर अग्रसर नहीं हो सकते। किसी कार्य में सफलता नहीं मिलना कहीं न कहीं आपके समर्पण में कमी को दर्शाता है। सफलता सकारात्मक प्रयत्नों का ही प्रतिफल है।
नंदन कानन होटल में आयोजित एलआईसी की यूनिट मीटिंग में अभिकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात ब्रांच-2 के शाखा प्रबंधक सुभाष पाठक ने कही। उन्होंने कहा कि सफल होने के लिए हमें सफल व्यक्ति से सीख लेना चाहिए। छोटा-छोटा लक्ष्य निर्धारित करें। लक्ष्य के प्रति ईमानदार रहें। समर्पित भाव से लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयास करें। समर्पण के भाव ही सफलता की गारंटी है।

शाखा प्रबंधक ने कहा कि एलआईसी के अभिकर्ता को ग्राउंड वर्क पर फोकस करना चाहिए। संपर्क का दायरा बढ़ाना चाहिए। अधिक से अधिक लोगों तक संपर्क जरूरी है। उन्होंने प्रकृति का उदाहरण देते हुए बताया कि प्रकृति हमें निरंतर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। एक बीज धीरे-धीरे वृक्ष बन जाता है, ग्रोथ का इससे बेहतर उदाहरण दूसरा कोई नहीं हो सकता। प्रकृति का यह सिद्धांत व्यवसाय एवं जिंदगी दोनों पर लागू होता है। ग्रोथ अनिवार्य तथ्य है और हम इसे कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं।

सफलता से बढ़कर कोई मोटिवेशन नहीं-
उन्होंने कहा कि अगर किसी ने अपनी सोच को सीमित कर लिया है तो वह तरक्की नहीं कर सकता। अपनी क्षमता का भरपूर उपयोग करें। विकास और सुधार को नजरअंदाज ना करें। प्रकृति स्वयं चाहती है, कि आप अपनी ग्रोथ करते रहें। उन्होंने कहा कि सफलता से बढ़कर कोई मोटिवेशन नहीं है। सफलता आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। यह रैस जीतने की ओर कदम है। सफलता कोई गिफ्ट में नहीं देगा, इसके लिए स्वयं आपको प्रयास करना होंगे। सफलता के तरीकों पर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि आपको बिजी लाइफ से डरने की जरूरत नहीं, बल्कि खाली समय से डरना चाहिए। जब आपके पास काम नहीं होता, तब तनाव अधिक बढ़ता है। आप अपने कार्य को इंजॉय करें। कार्य को इंजॉय कैसे करें, यह मंथन करें। जब कार्य में मन लगेगा तब सफलता भी निश्चित प्राप्त होगी।
हर वर्ग की जरूरत के मुताबिक हैं प्लान-
विकास अधिकारी आशीष परिहार ने एलआईसी के प्रोडक्ट के विषय में उदाहरण सहित जानकारी देते हुए कहा कि एलआईसी ऐसी संस्था है, जिस पर ग्राहकों का भरोसा है। एलआईसी एक्ट 1956 के सेक्शन 37 के अंतर्गत भारत सरकार पॉलिसी धारकों की जमा राशि पर गारंटी देती है। एलआईसी के प्लान हर वर्ग की जरूरत को देखते हुए तैयार किए जाते हैं। विकास अधिकारी ने विभिन्न उदाहरणों से अभिकर्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि किसी भी कार्य को तभी पूर्ण किया जा सकता है, जब हम उस कार्य को पूर्ण ईमानदारी से करते हैं। अर्थात हमें कार्य में सम्मिलित होने के साथ-साथ उस कार्य के प्रति समर्पित होना भी आवश्यक है। मीटिंग में सहायक शाखा प्रबंधक भावेश शर्मा एवं उच्च श्रेणी सहायक सुनील लाहोरे ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले अभिकर्ताओं का सम्मान भी किया गया। संचालन सुनील मालवीय ने किया। आभार विकास अधिकारी श्री परिहार ने माना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *