- शिप्रा के घाटों के पास फैल रही है गंदगी, गड्ढों में भरा है बदबूदार पानी
- मां शिप्रा बचाओ समिति ने प्रशासन से स्वच्छता अभियान चलाने की मांग की
शिप्रा। सोमवती अमावस्या पर शिप्रा तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान व पूजन के लिए आए थे, लेकिन नदी के दोनों घाटों पर पर्याप्त पानी नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी हुई। कई श्रद्धालु तो बगैर स्नान के लौट गए, जिन्होंने स्नान किया, उन्हें भी गड्ढों में भरे जल में स्नान करना पड़ा। घाट व नदी किनारे गंदगी भी फैली हुई है। मां शिप्रा बचाओ समिति ने प्रशासन से इस ओर ध्यान देने की मांग की है।
मोक्षदायिनी मां शिप्रा नदी के दोनों तटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना और आस्था की डुबकी लगाने के लिए आए, लेकिन मां नर्मदा, मां शिप्रा का जल दोनों घाटों पर नहीं होने से उन्हें बगैर स्नान के लौटना पड़ा। मां शिप्रा बचाओ समिति के अध्यक्ष राजेश बराना प्रजापति ने बताया कि लाखों रुपए की लागत से दोनों तरफ घाट बनाए गए हैं, लेकिन दोनों की तरफ गंदगी का साम्राज्य है। किनारे पर गड्ढों में बदबूदार पानी भरा हुआ है। जो दूर से स्नान के लिए आए थे, उनमें से कई लोगों ने तो इन गड्ढों में भरे हुए जल में ही स्नान किया। कई लोग बगैर स्नान के लौट गए।
मां शिप्रा नदी बचाओ समिति के सदस्यों ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि मां नर्मदा एवं मां शिप्रा का जल दाेनों घाटों में प्रवाहित किया जाए, ताकि पर्व स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भावना आहत ना हो। दोनों किनारों पर स्वच्छता अभियान चलाकर सफाई की जाएं। साथ समिति सदस्यों ने शिप्रा के दोनों पुलों पर जाली लगाने की मांग की है, क्योंकि कई लोग पुल से सामग्री फेंकते हैं, जिससे नदी का पानी प्रदूषित होता है।
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