- ऑपरेशन संकल्प के तहत देवास पुलिस की एक और बड़ी सफलता
देवास। शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने वाले को न्यायालय ने दो वर्ष के सश्रम कारावास व 500 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद द्वारा जिले में ”ऑपरेशन संकल्प” की शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत पुलिस विवेचना को अधिक से अधिक पेशेवर व वैज्ञानिक बनाकर समयावधि में अभियोग पत्र न्यायालय में पेश करने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही न्यायालय द्वारा विचारण के दौरान जारी समस्त आदेशिकाओं समन एवं वारंट की प्राथमिकता से तामिली करवाई जा रही हैं, ताकि गंभीर प्रकरणों में जल्द से जल्द न्यायालयीन निर्णय प्राप्त कर पीड़ित को न्याय दिलाया जा सके।
गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि होने पर स्वयं पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रकरण के विवेचक, पैरवीकर्ता एवं संपूर्ण टीम को पुरस्कृत किया जा रहा है, जिसके चलते पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ा है एवं लगातार गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि प्राप्त करने में देवास पुलिस सफल रही है।
इसी तारतम्य में ऑपरेशन संकल्प के तहत 7 सितंबर 2018 को थाना कोतवाली में फरियादी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि आरोपी के द्वारा शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न कर मारपीट की गई। रिपोर्ट पर से थाना कोतवाली में धारा 353, 332 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना उप निरीक्षक महावीर शर्मा ने की। आरोपी को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण की विवेचना पूर्ण होने पर चालान 17 सितंबर 2018 को तैयार किया गया।18 सितंबर 2018 को प्रकरण का चालान न्यायालय देवास पेश किया गया।
प्रकरण के न्यायालय में विचारण के दौरान न्यायालय द्वारा जारी समस्त आदेशिकाओं की तामीली समय से कराई गई। प्रकरण के पैरवीकर्ता लोक अभियोजक अशोक यादव द्वारा अभियोजन की सटीक पैरवी एवं उक्त प्रकरण में विवेचक की उत्कृष्ट विवेचना के फलस्वरूप जेएमएफसी न्यायाधीश किरण सिंह न्यायालय देवास ने आरोपी देवेन्द्र पिता दिलीप सिंह निवासी छोटी चुरलाई देवास के द्वारा लोकसेवक के कार्य में बाधा पहुंचाने के संबंध में आरोपी को 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
प्रकरण में कोर्ट मोहर्रिर के रुप में प्रआर अशोक सिसोदिया, कोर्ट मुंशी के रूप में आर साजन एवं वारंट मुंशी के रूप में आरक्षक विनय भदौरिया के द्वारा कार्य किया गया।
पुलिस कप्तान देवास श्री गेहलोद के अनुसार इस वर्ष 2024 में देवास पुलिस ने हत्या के 16, हत्या के प्रयास के 11, बलात्संग के 11, छेड़खानी के 17, लूट का 1 एवं आबकारी के 2 प्रकरणों में न्यायालय से कठोर दंड दिलवाकर पीड़ितों को न्याय दिलवाया है।
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