देवास। शाजापुर जिले के रोहित नामक युवक के साथ एक गंभीर हादसा तब हुआ जब वह पेड़ से गिर गया। इस दुर्घटना में रोहित की गर्दन में गंभीर चोट लग गई, जिसके चलते उसके हाथ और पैरों में लकवे की शिकायत हो गई और वह उठने-बैठने व चलने में पूरी तरह से असमर्थ हो गया। अमलतास अस्पताल में डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक आपरेशन कर युवक को नवजीवन प्रदान किया।
प्राथमिक उपचार के बाद उसे अमलतास अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने उसकी हालत को गंभीरता से जांचा। अमलतास अस्पताल में मरीज की तुरंत सीटी स्कैन की और एमआरआई कराया गया, जिसमें पता चला कि गर्दन की सर्वाइकल स्पाइन की हड्डी टूटकर आगे खिसक गई थी। इस कारण नसों पर अत्यधिक दबाव बन गया, जिससे हाथ और पैर काम नहीं कर रहे थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अमलतास अस्पताल के अनुभवी डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों की मदद से टूटी हुई हड्डी को रॉड लगाकर उसकी जगह पर पुनः स्थापित किया।
विशेष सतर्कता बरतनी पड़ी-
अमलतास सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के सुप्रसिद्ध मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश रघुवंशी ने बताया, कि ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था और टीम को विशेष सतर्कता बरतनी पड़ी। ऐसे मामलों में अनुभवी टीम और आधुनिक सर्जिकल सुविधाओं की जरूरत होती है और किसी भी प्रकार की देरी रोगी की जान के लिए खतरा हो सकती थी। ऑपरेशन के सफल होने के बाद अब रोहित की हालत स्थिर है और वह पहले की तरह अपने हाथ और पैर चला पा रहा है। इस सफल सर्जरी में अनुभवी टीम डॉ. राकेश रघुवंशी, डॉ. प्रेमकृष्णन निश्चेतना विभाग, क्लीनिकल असिस्टेंट डॉ. राजपाल, लक्की जाट, नैना आदि शामिल थे।
हर चुनौती का सामना करने को तैयार है टीम-
अमलतास अस्पताल के चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया का कहना है कि अमलतास अस्पताल के डॉक्टरों ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा कर यह साबित कर दिया कि उनकी टीम रोगियों के जीवन को सुरक्षित करने के लिए हर चुनौती का सामना करने में सक्षम है।
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